सोशल मीडिया में मशहूर हिंदी कवि और आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास के पार्टी छोड़ने की अटकले लगाई जा रही हैं। ऐसा कुमार विश्वास के एक ट्वीट के बाद किया जा रहा है। दरअसल आम आदमी पार्टी की ओर से राज्यसभा भेजे जाने वाले सदस्यों की सूची में अपना नाम ना होने के बाद से ही कुमार विश्वास पार्टी प्रमुख और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुखर होकर विरोध कर रहे हैं। कुमार विश्वास अरविंद केजरीवाल पर पार्टी को हाइजैक करने का भी आरोप लगा चुके हैं। राज्यसभा के दावेदारों में नाम ना होने के बाद कुमार विश्वास ने मीडिया के सामने जिस तरह से अपनी बात रखी थी उसी से ये अंदाजा लगने लगा था कि शायद पार्टी से कुमार जल्द रुखसती ले सकते हैं। हालांकि बाद में उनसे पूछे गए इन सवालों के बाबत कुमार ने कहा था कि वो पार्टी नहीं छोड़ेंगे, पार्टी में रहकर ही वह संगठन की सफाई करेंगे। अब सोमवार रात के उनके एक ट्वीट के बाद ये चर्चा फिर होने लगी है कि क्या कुमार विश्वास आप को अलविदा कहने वाले हैं? दरअसल कुमार विश्वास ने सोमवार की शाम एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में अपने चाहने वालों को शुभरात्रि कहते हुए कुमार ने एक शेर लिखा। शेर अज़हर फ़िराग का था। शेर इस तरह से था- अब तो हमारे नाम से पहचानिए हमें, अब तो हमारा कोई क़बीला नहीं रहा..।
Shubh Ratri Dosto
अब तो हमारे नाम से पहचानिए हमें,
अब तो हमारा कोई क़बीला नहीं रहा..!
(अज़हर फ़िराग) pic.twitter.com/QYDR4yyrLr— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) February 5, 2018
कुमार विश्वास का ये ट्वीट देख लोग उनसे सवाल पूछने लगे। लोग पूछने लगे कि क्या आप पार्टी छोड़ने वाले हो। कुछ लोगों ने ये भी पूछ लिया कि मतलब बीजेपी में जाने का आपने पूरा मन बना लिया है। कुमार विश्वास के समर्थक ये भी कह रहे हैं कि सर आप से कबीले हैं..कबीलों से आप नहीं हैं।
कबीला तो कवियों का सदा ही रहेगा कुमार भाई ये कबीला तो अमरत्व प्राप्त कर चुका है, हां अजगर वाले इंक़लाब 'गुप्ताबाद' का कबीला अवश्य नहीं रहा है।
— Harvinder Bhardwaj (@harvinderbhard3) February 5, 2018
https://twitter.com/_patelamit/status/960549040281698304
https://twitter.com/NayakRobbert/status/960548639956525059
कुमार भैया
कबीला आपसे है
आप कबीले से नही— Rishab Dwivedi (@RishabDwivedi8) February 5, 2018
भाजपा मे शामिल होना चाह रहे हैं शायद!
— Osh Times (@osh_times) February 5, 2018
आप हमारे प्यारे कविराज थे हैं और रहेंगे
राजनीति तो युगधरम है— Prachi arya (@KhwaabPra) February 5, 2018
पार्टी से निकाल दिया क्या? अनौपचारिक रूप से?
— Mihir (@poddarmihir) February 5, 2018
लोग पहचनते है आप(kumar ji) को, आप(AAP) के कबीले से नहीं
— Vinay Singh (@vinaysinghteepu) February 5, 2018
https://twitter.com/saurabhkumarmi2/status/960588265547010050
आपको बता दें कि कुमार विश्वास एक कॉलेज में हिंदी के लेक्चरर थे। 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान में अन्ना के आंदोलन के वक्त वो भी जनलोकपाल की मांग करते हुए आंदोलन का हिस्सा बन गए। बाद में जब अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी बनाई तो कुमार भी केजरीवाल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ने लगे। आप में कुमार विश्वास का नाम शीर्ष के नेताओं में शुमार है। लेकिन राज्यसभा उम्मीदवारों के ऐलान के बाद से ही इस बात की चर्चा होने लगी कि देखना होगा कुमार कब तक आम आदमी पार्टी के साथ बने रहते हैं।