एससी-एसटी एक्ट में बदलाव को लेकर सोमवार को भारत बंद का आह्वान किया गया था। दलित संगठन देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इस विरोध प्रदर्शन में जगह-जगह से हिंसा की खबरें आईं। देश की मीडिया ने भी इस हिंसक विरोध प्रदर्शन पर खूब खबरें चलाईं। समाचार चैनल के संपादक रह चुके आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने इस हिंसा पर खबरिया चैनलों की रिपोर्टिंग पर निशाना साधा। आशुतोष ने ट्वीट करते हुए पूछा कि, ‘कितने चैनलों के संपादक दलित हैं, आज ये सवाल तो पूछना होगा। अगर दलित संपादक होते तो क्या तब भी चैनलों के एकरों की भाषा वही होती जो आज देखने को मिली ? बस एक सवाल मन में आया है।’
कितने चैनलों के संपादक दलित हैं, आज ये सवाल तो पूछना होगा । अगर दलित संपादक होते तो क्या तब भी चैनलों के एकरों की भाषा वही होती जो आज देखने को मिली ? बस एक सवाल मन में आया है ।
— ashutosh (@ashutosh83B) April 2, 2018
अपने इस ट्वीट पर आशुतोष ट्रोल होने लगे। लोग बोलने लगे कि अगर आम आदमी पार्टी को दलितों से इतना प्यार है तो फिर अरविंद केजरीवाल की जगह किसी दलित को दिल्ली का मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया। वहीं बहुत से यूजर्स ने आशुतोष पर निजी कमेंट्स भी किये। समाचार चैनलों में दलित संपादकों की संख्या पर सवाल उठाने पर ज्यादातर लोगों ने आशुतोष को इसी बात पर घेरा कि पहले ये बताओ कि आम आदमी पार्टी में कितने दलित उच्च पदों पर हैं।
आशुतोष अगर आम आदमी पार्टी को दलितों से इतना प्रेम है तो केजरीवाल की जगह किसी दलित को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाते।
राज्यसभा जाने के काबिल क्या आम आदमी पार्टी में कोई योग्य दलित नहीं था।
— Jitesh Singh (@jiteshsingh_IND) April 2, 2018
https://twitter.com/Sanjeev53548767/status/980827357798912001
https://twitter.com/Shahrcasm/status/980806915809689600
https://twitter.com/lotusnawab/status/980887768757932033
दूसरे के भाषा का तो पता नहीं लेकिन आप शायद भूल गए कि आप किस भाषा के प्रयोग के लिए कांशी राम जी से थप्पड़ खाए थे।
नीचे लिंक शेयर कर रहा देख लीजिए। याद आजाएगा भूले बिसरे दिन@prafullaketkar @ippatelhttps://t.co/53oj4IsiZI— Nishant Azad/निशांत आज़ाद?? (@azad_nishant) April 2, 2018
https://twitter.com/dhami_gm/status/980884945940856832
तू बेशर्म नकटा है आज ही जेटली जी से माफी मांग अपनी नाक कटवाया है और फिर अपनी घटिया मानसिकता से निकले जहर को फैलाना शुरू कर दिया अरे अगर बोतल के दूध से बड़ा नही हुआ है तो केजरी की जगह किसी दलित विधायक को मुख्यमंत्री बनाने की आवाज उठा…
— चौकीदारRamkishor Goenka (@goenkaRK_bjp) April 2, 2018
https://twitter.com/imMAK02/status/980818821836505089
बता दें कि एससी, एसटी (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति) अधिनियम का दुरुपयोग रोकने के लिए हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के विरोध में विभिन्न संगठनों ने सोमवार (2 अप्रैल) को एक दिवसीय भारत बंद का आह्वान किया था। भारत बंद के दौरान कई स्थानों से हिंसा की सूचना है। हालात बिगड़ने के कारण कई स्थानों पर कर्फ्यू तक लगाना पड़ा। इसके अलावा मध्यप्रदेश के ग्वालियर, भिंड आदि स्थानों में आंदोलन ने हिंसक रूप लिया। यहां पर दो समूह आमने-सामने आ गए और पथराव के बीच वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।