केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अधीन आने वाली गांधी स्मृति और दर्शन समिति की पत्रिका में लिखे एक लेख में कहा गया है कि आजादी की लड़ाई में सावरकर का योगदान, महात्मा गांधी से कम नहीं है। इस ‘अंतिम जन’ लेख को समिति के संरक्षक और उपाध्यक्ष विजय गोयल ने लिखा है। इसी पर चर्चा के दौरान कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक और एंकर चित्रा त्रिपाठी शो में भिड़ गईं। शो खत्म होने के बाद वार-पलटवार का सिलसिला ट्विटर पर चलता रहा। 

आजतक चैनल पर चल रहे इस डिबेट में महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने कहा कि ‘सावरकर को दोषी साबित करने के लिए बहुत कमजोर सबूत कोर्ट में रखे गये, बचाव पक्ष ने आसानी से उन्हें बचा लिया था। इसीलिए सबूतों के अभाव में उन्हें छोड़ना पड़ा था।’ इस पर चित्रा त्रिपाठी ने पूछा कि इसका मतलब आप नेहरू पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं क्योंकि उस वक्त उन्हीं की चलती थी, सही सबूत नहीं दिए गये इसी वजह से महात्मा गांधी की हत्या का सच सामने नहीं आया? 

इस पर तुषार गांधी ने कहा कि ‘कुछ गलतियां हुई हैं और उसके कारण जो ये साजिश थी ये ढक दी गई, उसके पीछे क्या सच्चाई है ये मैं नहीं जानता। इंदिरा गांधी के काल में एक कमीशन बैठाया गया था जिसने साफ-साफ सावरकर के शामिल होने की बात हुई थी.’ तुषार यह भी कह रहे हैं कि ‘मुझे नहीं लगता कि पंडित जी ने कभी इस मामले को लेकर समझौता किया होगा।’ तुषार गांधी के इस जवाब पर चित्रा त्रिपाठी ने रागिनी नायक से सवाल पूछा कि तुषार गांधी कह रहे हैं कि नेहरू ने गलती की है? 

इस पर रागिनी नायक भड़क गई। उन्होंने कहा कि ‘तुषार गांधी ने यह नहीं कहा है कि नेहरू जी की गलती थी। आप जिस तरह से झूठ बोलती हैं, वो काबिले तारीफ है।’ इसके बाद दोनों में बहस होने लगी। डिबेट खत्म होने के बाद रागिनी नायक ने वीडियो शेयर कर लिखा कि “तुषार गांधी ने कहा- “मुझे नहीं लगता पंडित जी ने कभी किसी भी तरह का Compromise इस मामले में किया होगा”, एंकर साहिबा कह रही है कि “तुषार गांधी कह रहे हैं कि नेहरू ने गलती की।” तभी तो मैंने कहा कि जिस बेबाक़ी से मोहतरमा अपने शो पर झूठ बोलती हैं, वो काबिल-ए-तारीफ है।’

इस पर चित्रा त्रिपाठी ने डिबेट का एक और वीडियो शेयर कर पलटवार किया। चित्रा त्रिपाठी ने लिखा कि “बेशर्मी की पराकाष्ठा को पार कर कथित तौर पर ”नायक” बनने की कोशिश हैं। शो Live जाता है, उसमें अपनी पार्टी की नेता इंदिरा गांधी को कम जानकार बताने वाली महिला सोशल मीडिया पर आकर अपनी भड़ास इसीलिए निकालती हैं। शो में पक्ष ठीक से रख लेतीं तो यहां इतनी मेहनत करने की जरुरत नहीं पड़ती।”

रागिनी नायक ने इसका जवाब ट्विटर पर ही दिया। कांग्रेस प्रवक्ता ने लिखा कि ‘कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता को ‘बेशर्म’ कहना आपके ‘नैतिक पतन’ का प्रमाण है। माफीवीर के माफीनामे का 1980s तक सार्वजनिक न होने को इंदिरा जी की कम जानकारी कहना आपके ‘बौद्धिक पतन’का शो पर पक्ष तो मैं ऐसा रखती हूं। ‘पक्षकारिता’की सीमाएं लांघ आपको भाजपा प्रवक्ता बनना पड़ता है।’