उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रचंड जीत के बाद यूपी में एक बार फिर से योगी आदित्यनाथ सरकार का गठन होने जा रहा है, वहीं चुनाव में मिली हार के बाद विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को घेरने की तैयारी कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी की हार को लेकर पार्टी में मंथन चल रहा है। इसी बीच आरएलडी प्रमुख व अखिलेश यादव के सहयोगी नेता जयंत चौधरी से सपा की हार का कारण पूछा गया।
दरअसल, जयंत चौधरी ‘आज तक’ न्यूज़ चैनल से बात कर रहे थे। उन्होंने एमएलसी चुनाव पर बात करते हुए कहा कि हमारे पास अब बहुत कम वक्त बचा है। इसमें हम कोशिश कर रहे हैं कि हमारे ज्यादा से ज्यादा प्रत्याशी चुने जाएं। जिससे हमारा गठबंधन मजबूत हो जाए। कुछ आरएलडी और सपा प्रत्याशी के पर्चे वापस लिए जाने पर जयंत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि इनके अनैतिक दबाव के कारण कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं।
बीजेपी से कैसे मिलेगी पार? : इस बार जैन चौधरी ने कहा कि हमें हार मिली है लेकिन उसके बाद भी हम मुस्कुरा रहे हैं। हमारे विधायकों की जिम्मेदारी है कि हम अपने क्षेत्र में बेहतर से बेहतर काम करें। वोट प्रतिशत का जिक्र कर आरएलडी प्रमुख ने कहा कि इस बार के चुनाव में गठबंधन के साथ हमारा वोट प्रतिशत भी बड़ा है। इसके साथ उन्होंने कहा कि जहां हम नहीं जीत पाए हैं। वहां पर भी हमारे जीते हुए विधायक कार्यकर्ताओं की बात सुनेंगे।
क्या है हार की वजह? : गठबंधन की हार पर आरएलडी प्रमुख ने कहा कि उस जगह हमारी कमियां रही। चुनाव प्रचार में आने वाली भीड़ पर पूछे गए सवाल पर जयंत चौधरी ने कहा कि सरकार ने पहले दो चरण में हमें चुनाव प्रचार नहीं करने दिया था। जब उन्होंने देखा कि हमारी चुनाव प्रचार में इतनी भीड़ आ रही है तो उन्होंने चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगा दिया था।
ओवर कॉन्फिडेंस की वजह से हार गए अखिलेश यादव? : सपा प्रमुख को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में आरएलडी प्रमुख कहते हैं कि अंडर कॉन्फिडेंस से ओवर कॉन्फिडेंस अच्छा होता है। नेता को बहुत कुछ सहन करना होता है। कार्यकर्ता के डर और भय को निकालने की जिम्मेदारी भी नेता की ही होती है।