जमीयत उलेमा- ए – हिंद के एक सम्मेलन के दौरान जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी द्वारा कहा गया कि हर चीज पर समझौता किया जा सकता है लेकिन विचारधारा पर समझौता नहीं किया जा सकता। ज्ञानवापी मस्जिद के विषय पर भाषण देते हुए वह भावुक भी हो गए थे। इस विषय पर चर्चा करने के लिए वह एक टीवी चैनल के शो में पहुंचे थे।
इस दौरान उनसे पत्रकार ने सवाल किया कि जमीयत के अध्यक्ष बनने के बाद आपके द्वारा कहा गया है कि अगर मुसलमान अपने पर आया तो देश शरिया से चलेगा? इस पर मदनी ने कहा कि आपने तो बहुत अच्छी खबर दी है। एंकर ने अपना सवाल दोहराते हुए कहा कि आपके द्वारा बिल्कुल ऐसा कहा गया है। मदनी ने कहा कि हम तो यह भी कहते हैं कि मुसलमान को तलाक ही नहीं देना चाहिए। आप कह रहे हैं, तीन तलाक नहीं देना चाहिए।
तीन तलाक को लेकर पत्रकार ने मदनी से पूछा कि अगर सरकार ने कोई कानून बना दिया तो देश कानून से चलेगा या फिर शरिया से चलाया जाएगा? इसके जवाब में मौलाना महमूद मदनी कहते हैं कि देश तो कानून से चलेगा लेकिन मुसलमान शरिया से चलेगा। इन दोनों बातों में कोई अंतर्विरोध नहीं है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि तलाक के लिए कानून बनाया गया है लेकिन मुसलमान तलाक देगा ही क्यों?
यूनिफॉर्म सिविल कोड मुसलमानों के लिए होगा बेहतर? : एंकर द्वारा जब मदनी से यह सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये कैसे बेहतर हो सकता है। हम अपनी बातों में केवल उन लोगों का जिक्र करते हैं जो मुसलमानों को पाकिस्तान चले जाने की नसीहत देते हैं। ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर एंकर ने मदनी से पूछा, ‘जब मामला कोर्ट में है तो आप मुसलमानों को इतना डर क्यों दिखा रहे हैं?’
मदनी द्वारा इस सवाल पर कहा गया कि वह मुसलमानों को बिल्कुल भी डर में नहीं रख रहे हैं। हमारी तरफ से इस बारे में केवल इतना कहा गया है कि इस मामले को सड़क पर नहीं आना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह मामला कोर्ट द्वारा निपटाया जाए या फिर आपसी बातचीत से खत्म किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस विषय की बातचीत के लिए पहल भी नहीं करेंगे।