ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मामले को लेकर गुरुवार को वाराणसी की सिविल कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने आदेश दिया है कि 17 मई से पहले सर्वे किया जाएगा। पूरे इलाके की वीडियोग्राफी होगी। इस मामले को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इसी मसले पर ओवैसी ने एक टीवी चैनल से बातचीत की।
‘आज तक’ न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम में पहुंचे ओवैसी से एंकर अंजना ओम कश्यप (Anchor Anjana Om Kashyap) ने सवाल किया, ‘आप मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने वाले आक्रांताओं की वकालत क्यों कर रहे हैं।’ इसके जवाब में ओवैसी ने बाबरी मस्जिद का जिक्र कर कहा कि इसके निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, मंदिर तोड़कर मस्जिद नहीं बनाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने ASI के रिपोर्ट को एक्सेप्ट नहीं किया था।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि इस बात का फैसला हो चुका है कि वह मस्जिद है और आगे भी मस्जिद ही रहेगी। आप आस्था को बुनियाद बनाकर हमारी मस्जिद को छीनने की कोशिश कर रहे हैं। इस पर एंकर ने उनसे पूछा कि आप के बयानों के बीच यह भी सवाल है, वहां पर पूजा करने की इजाजत दी जाए या नहीं? ओवैसी ने कहा कि पूजा क्यों करना है? 91 एक्ट के अनुसार आप वहां पर पूजा नहीं कर सकते हैं।
AIMIM प्रमुख द्वारा कहा गया कि कोर्ट 91 ACT के खिलाफ बात कर रहा है। इस मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम लॉ बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट ने जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी तरह का धोखा देकर बाबरी मस्जिद हमसे छीन लिया गया था। मूर्तियां रखकर कहा गया कि मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। एंकर ने उनसे दोबारा पूछा कि आप मुस्लिम आक्रांताओं की गलती पर पर्दा क्यों डाल रहे हैं?
इस पर ओवैसी की ओर से कहा गया कि मस्जिद से आने वाली तस्वीरें झूठी हैं, संविधान सच है, पार्लियामेंट सच है। उन्होंने आगे कहा कि मैं कोई मुगलों का पैरोकार नहीं हूं, मैं केवल संविधान का पैरोकार हूं। इसी तरह का झूठ बाबरी मस्जिद को लेकर भी बोला गया, बीजेपी अपना सियासी फायदा उठाने के लिए इस तरह के मुद्दे पर काम कर रही है।