सनातन धर्म को लेकर लगातार विवाद जारी है, कोई कह रहा है कि हम भारत को हिंदू राष्ट्र बना देंगे तो कोई कह रहा है कि भारत हिंदू राष्ट्र है, बस घोषणा करना बाक़ी है। इसी बीच एक चैनल पर इसी मुद्दे पर चर्चा हो रही थी तो कांग्रेस नेता उदित राज (Congress Udit Raj) से पूछा गया कि क्या आप हिंदू हैं? इस पर उदित राज ने कहा कि नहीं, मैं हिंदू नहीं बौद्ध हूं। इसके बाद उदित राज से सवाल पूछा गया कि आप मुस्लिम धर्म पर टिप्पणी क्यों नहीं करते हैं?
उदित राज बोले- मैं बौद्ध हूं!
आजतक चैनल (AAJ Tak) पर एक डिबेट के दौरान एंकर शुभांकर मिश्रा (Shubhankar Mishra) के सवाल के जवाब में डॉ उदित राज ने कहा कि मैं बौद्ध हूं। इस पर सवाल पूछा कि आपका फिर हिंदू धर्म से क्या लेना देना है? आप मुस्लिम धर्म पर टिप्पणी करने से यह कहकर बच रहे हैं कि मेरा मरियम से क्या लेना देना है? और आप खुद बौद्ध कहकर हिंदू धर्म पर टिप्पणी कर रहे हैं। इस पर उदित राज ने कहा कि बौद्ध धर्म के साथ साथ मैं एक नागरिक भी हूं।
‘हिंदू धर्म से आपका क्या लेना देना?’
इस पर उदित राज से पूछा गया कि आप मुस्लिम या अन्य धर्म से पर यह कहकर टिप्पणी नहीं करते कि उनसे आपका कोई लेना देना नहीं है, अगर आपका धर्म बौद्ध है तो आप हिंदू धर्म पर टिप्पणी क्यों कर रहे हैं? इस पर उदित राज कहते हैं कि इसलिए टिप्पणी करना बनता है क्योंकि हमारा देश धर्म निरपेक्ष है। जब संविधान पर हमला होगा तो मैं बोलूंगा, ये कोई हिंदू राष्ट्र नहीं है। बाबा साहेब ने कहा था कि हिंदू राष्ट्र की कल्पना देश पर एक विपत्ति होगी। बीजेपी के लोग हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं।
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को खुद शुभांकर मिश्रा ने अपने ट्विटर पर शेयर किया है।
@THESONUSARKAR यूजर ने लिखा कि उदित राज जैसे लोग को मीडिया पैनल में जगह ही नहीं देना चाहिए। ऐसे लोगों को दिखाना ही बंद कीजिए। @krunals09 यूजर ने लिखा कि बीजेपी के अलावा कोई भी पार्टी को राम मंदिर में दिलचस्पी नहीं है सिर्फ उत्तरप्रदेश चुनाव के वक़्त जो दौड़े-दौड़े अयोध्या भाग रहे थे, आज वही लोग रामचरितमानस को गलत बता रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा कि एंकर ने तो आज उदित राज की बोलती ही बंद कर दी, गजब का डिबेट था भाई। न्यूज एंकर को भी ऐसे लोग को पैनल में नहीं बुलाना चाहिए जो चुनिंदा लोगों या धर्म का निशाना बनाने का मकसद रखते हों। एक यूजर ने लिखा कि सारा सेकुलरिज्म हिंदुओं को गरियाने में ही है, किसी और धर्म के बारे में बोलने में इनका यही होता है कि हमारा क्या लेना देना।