बिहार के पटना जिले से एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस फोटो में दिख रहा है कि एक बोर्ड में लिखा गया है कि विद्यालय परिसर में भोजपुरी भाषा का प्रयोग वर्जित है। इस तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। इसको लेकर लोगों का कहना है कि इस तरह का बोर्ड लगाना भाषा का अपमान है।
भोजपुरी अभिनेता खेसारी लाल यादव ने इस तस्वीर पर गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा कि काहे हो। IAS अवनीश चरण ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा कि किसी भी भाषा का प्रयोग वर्जित कैसे हो सकता है।विपिन ठाकुर नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं कि अगर करना ही है तो अंग्रेजी भाषा को वर्जित करो।
सुरभी सिंह (@Surbhi_Singh) नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि नीतीश कुमार बिहार में भोजपुरी को कौन बंद करवा रहा है। कृपया ऐसे लोगों पर कार्रवाई करिए। आदित्य दुबे (@adityage_11) नाम के यूजर लिखते हैं कि हमारे देश में हमारी ही भाषा बोलने पर स्कूल में फाइन भरना होता है। किसी अन्य देश की भाषा को बोलने पर सभ्य समझा जाता है।
अंकित पांडे(@AnkitPa2147) नाम के ट्विटर एकाउंट से कमेंट आया – भारत देश की सभी भाषा का अपनी जगह एक अपना अलग महत्व है। शेफाली शर्मा लिखती है कि यह पूरी तरह से गलत है। हमें अपनी राष्ट्र की हर भाषा को सम्मान देना चाहिए। एक टि्वटर हैंडल से इस फोटो पर लिखा गया कि जो व्यक्ति या संस्था आपको जड़ों से दूर करते हैं, उसके पास आपको सीखाने के लिए कुछ नहीं है।
पवन कंबोज नाम के ट्विटर यूजर लिखते हैं कि अंग्रेजी लिखना हमारी मजबूरी है, मातृभाषा को जिंदा रखना जिम्मेवारी है। अखिलेश पांडे लिखते हैं कि ई एकदम भी ठीक ना बा… हम सहमत ना बानी। अनीता ठाकुर लिखती हैं कि जिस मुद्दे को उठाना चाहिए उस मुद्दे पर हमारे पढ़े-लिखे साहब लोग चुप हैं। अंकुर मिश्रा नाम के यूजर लिखते हैं कि हर भाषा का अपना महत्व है…. और विशेषता है। किसी भी भाषा को वर्जित करना गलत है। अपनी भाषा का सम्मान करिए अच्छा है मगर दूसरी भाषा का अपमान नहीं होना चाहिए।