WhatsApp new features launched in 2025: व्हाट्सऐप ने साल 2025 में कई नए फीचर्स पेश किए। इस फीचर्स में खासतौर पर सिक्यॉरिटी, प्राइवेसी और AI-पावर्ड इंटरैक्शन पर फोकस किया गया। इन अपडेट्स ने यूज़र्स के कम्युनिकेशन करने के तरीके, आइडेंटिटी वेरिफिकेशन, चैट मैनेजमेंट और Meta के इन-बिल्ट असिस्टेंट के साथ बातचीत को पूरी तरह बदल दिया है। अब जबकि साल खत्म होने को है और आपको अगर इन फीचर्स के बारे में नहीं पता है तो हम आपको बता रहे हैं ऐसे 6 फीचर्स के बारे में जो जिन्होंने इस साल Meta के इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप में एंट्री की।
नए चैट फिल्टर्स और नया ‘Favorites’ टैब
यूजर्स अब अनरीड मैसेज, ग्रुप या अपनी क्यूरेटेड फेवरिट लिस्ट को अलग टैब में सॉर्ट कर सकते हैं। अक्सर कॉन्टैक्ट में रहने वाले लोगों या जरूरी ग्रुप्स को तेज़ी से एक्सेस करने के लिए इस नए टैब पर पिन किया जा सकता है।
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थर्ड-पार्टी AI टूल्स पर प्रतिबंध
2025 के आखिर में लागू किए गए एक पॉलिसी बदलाव के तहत WhatsApp Business APIs में बाहरी AI प्लेटफॉर्म्स के इंटीग्रेशन को ब्लॉक कर दिया गया। इसके चलते Copilot और OpenAI-पावर्ड असिस्टेंट्स जैसे थर्ड-पार्टी टूल्स अब सीधे प्लेटफॉर्म से कनेक्ट नहीं हो सकते। नतीजतन WhatsApp पर अब Meta AI ही प्रमुख और प्राथमिक AI विकल्प के रूप में उपलब्ध रह गया है।
मिस्ड कॉल के लिए वॉइस और वीडियो रिस्पॉन्स
व्हाट्सऐप पर अब जब कोई कॉल रिसीव नहीं होती तो कॉल करने वाले को सीधे कॉल स्क्रीन से छोटा वॉइस या वीडियो क्लिप छोड़ने का विकल्प मिलता है। रिकॉर्ड किया गया यह मैसेज मिस्ड कॉल नोटिफिकेशन के साथ चैट में दिखाई देता है जो नॉर्मल टेक्स्ट की तुलना में ज़्यादा पर्सनल विकल्प ऑफर करता है।
Passkey-बेस्ड लॉगइन
व्हाट्सऐप ने OTP बेस्ड वेरिफिकेशन की जगह Passkeys को रिप्लेसमेंट के तौर पर पेश किया। यूजर्स अब फेस ऑथेंटिकेशन, फिंगरप्रिंट्स या डिवाइस में स्टोर क्रेडेंशियल्स के जरिए लॉगइन कर सकते हैं। इससे सिम-सवैप या एसएमएस के जरिए साइबर अटैक का खतरा कम होता है।
वॉइस मोड और प्राइवेट सेशंस के साथ Meta AI अपग्रेड
मेटा का बिल्ट-इन AI असिस्टेंट अब व्हाट्सऐप पर रियल-टाइम वॉइस कन्वर्सेशन सपोर्ट करता है। यानी यूजर्स अब बॉट से नैचुरली बात कर सकते हैं। एक incognito मोड को भी पेश किया गया था ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि चुनिंदा सवाल प्राइवेट रहें और चैट हिस्ट्री में सेव ना हों।
ऑडियो कॉल में स्क्रीन शेयरिंग
वीडियो कॉल के दौरान यूजर्स सिस्टम ऑडियो इनेबल होने पर डिवाइस स्क्रीन शेयर कर सकते हैं। यह फीचर ऐंड्रॉयड व iOS पर वन-ऑन-वन और ग्रुप कॉल्स के लिए काम करता है। और इससे वीडियो शेयर करना आसान हो जाता है।
