Twitter New Logo X: एलन मस्क ने सोमवार को ट्विटर के नए लोगो को लॉन्च कर दिया। माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट Twitter को रीब्रैंड करने की पहल के चलते मस्क का यह लेटेस्ट फैसला है। मस्क की सोशल मीडिया साइट का नया लोगो ब्लैक बैकग्राउंड के साथ व्हाइट कलर का X है। और अब नए लोगो को लॉन्च करने के कुछ घंटे बाद ही ट्विटर के वेब वर्जन पर नया लोगो यूजर्स को दिखना शुरू हो गया है। अगर आप X.com पर जाते हैं तो आप ट्विटर पर रीडायरेक्ट हो जाएंगे। बता दें कि कई महीनों पहले ही कंपनी के लीगल नाम को X Corp कर दिया गया था।
ट्विटर की सीईओ Linda Yaccarino ने भी नए लोगो की डिजाइन को लेकर ट्वीट किया, ‘X is here! Let’s do this’. इसके बाद लिंडा ने सैन फ्रांसिस्को में कंपनी के ऑफिस पर प्रोजेक्ट दिए एक लोगो की पिक्चर भी पोस्ट की।
इससे पहले रविवार को ट्विटर के अरबपति कारोबारी एलन मस्क (Elon Musk) ने कई सारे ट्वीट किए थे। जिसमें उन्होंने ट्विटर के ब्लू बर्ड लोगो को ऑफिशियली नए X लोगो के साथ ऐलान किया था। इसके अलावा मस्क ने सोशल मीडिया नेटवर्क को रीब्रैंड करते हुए X नाम देने की भी घोषणा की। मस्क ने ट्वीट किया, ‘और जल्द ही हम ट्विटर ब्रैंड और धीरे-धीरे सभी चिड़िया को अलविदा कहेंगे।’
आखिर क्यों मस्क बदल रहे हैं ट्विटर का लोगो?
आपको बता दें कि X लोगो के साथ मस्क की कोशिश माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म को चीन के इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप WeChat वाले मॉडल को अपनाने की है। WeChat ऐप में यूजर्स मैसेजिंग, वीडियो कॉलिंग से लेकर फ्लाइट और होटल की बुकिंग तक सारे काम कर सकते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले साल मस्क ने ट्विटर के कर्मचारियों को बताया था कि वे ट्विटर को WeChat में बदलना चाहते हैं। मस्क ने कहा था, ‘चीन के बाहर WeChat’ जैसा कोई ऐप नहीं है। चीन में आप हर काम WeChat में कर सकते हैं। अगर हम ट्विटर के साथ भी ऐसा कर सकें तो यह एक बहुत बड़ी कामयाबी होगी।’
ट्विटर का नाम बदलने और आइकॉनिक ब्लू बर्ड लोगो को बदलने की पीछे की कहानी कुछ और है। सिर्फ लोगो की पहचान बदल देना ही इसका मकसद नहीं है। Platformer की खबर के मुताबिक, मस्क ने ट्विटर के कर्मचारियों को एक मेल भेजकर जानकारी दी थी कि कंपनी का नाम X हो सकता है और यह आखिरी बार है जबकि उन्हें ट्विटर एड्रेस से एक मेल मिल रहा है।
क्यों रखा X लोगो?
ऐसा लगता है कि मस्क पर X अक्षर का काफी प्रभाव है। 1999 में मस्क एक ऑनलाइन बैंक के को-फाउंडर थे जिसका नाम X.com था। बाद में इस बैंक का नाम बदलकर Paypal कर दिया गया। इसके अलावा मस्क की रॉकेट कंपनी SpaceX में भी यह अक्षर शामिल है। इसके अलावा मस्क की कंपनी Tesla के तहत लॉन्च की गई पहली SUV मॉडल का नाम भी यही था।
X की चीफ एग्जिक्युटिव Linda Yaccarino ने रविवार को X के विजन को शेयर किया था। एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि अब बिजनेस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-पावर्ड होगा और ऑडियो, वीडियो, मैसेजिंग, पेमेंट्स/बैंकिंग पर फोकस होगा।
ट्विटर में बड़े बदलाव
ट्विटर को एलन मस्क ने अक्टूबर 2022 में 44 बिलियन डॉलर की एक डील में खरीदा था। इसके बाद से लगातार कंपनी ने कई बड़े फैसले किए हैं जिनसे यूजर्स और कर्मचारी दोनों पर बड़ा असर पड़ा। मस्क ने कमान संभालते ही ट्विटर के कई बड़े एग्जिक्युटिव्स को बाहर का रास्ता दिखाया। इनमें कंपनी के CEO पराग अग्रवाल का भी नाम था। कॉस्ट कटिंग करने के नाम पर मस्क ने दुनियाभर के कई देशों में ट्विटर के ऑफिस पर ताला लगा दिया और कंपनी की पॉलिसी में कई बड़े बदलाव किए।
इसके अलावा Twitter Legacy अकाउंट को भी अब Verified टैग के लिए पैसे देने होते हैं। अगर आपको सारे ट्विटर फीचर्स चाहिए तो Twitter Blue Subscripton लेना होगा।
Bots और हेट स्पीच में बढ़ोतरी
हाल ही में University of Southern California’s Information Sciences Institute, Oregon State University, UCLA और UC Merced के रिसर्चर ने अप्रैल 2023 में पब्लिश रिपोर्ट में बताया गया था कि मस्क के हाथों में ट्विटर की कमान आने के बाद, प्लेटफॉर्म पर बॉट्स (Bots) की संख्या और हेड स्पीच के मामलों में इजाफा हुआ है।
इस स्टडी में बताया गया, ‘1 अक्टूबर से 29 नवंबर 2022 के बीच जिन यूजर्स ने हेटफुल (नफरत फैलाने वाले) ट्वीट किए, उनमें मस्क द्वारा टेकओवर किए जाने के बाद से हर दिन जबरदस्त बढ़ोत्तरी देखी गई।’
मस्क द्वारा ट्विटर पर Bot की समस्या को खत्म करने की उम्मीद थी। लेकिन स्टडी में पता चला है कि ट्विटर की बागडोर मस्क के हाथों में आने के बाद Bots की संख्या में भी इजाफा हुआ।
ट्विटर की ट्रांसपेरेंसी में आई कमी
एलन मस्क की ओनरशिप में ट्विटर पर ट्रांसपेरेंसी में कमी आई है। फरवरी में मस्क ने ऐलान किया था कि कंपनी Twitter API का फ्री एक्सेस बंद कर रही है और जल्द ही पेड वर्जन लॉन्च करेगी। इस घोषणा के बाद खासतौर पर उन रिसर्चर पर असर पड़ा जो हेट स्पीड और ऑनलाइन अब्यूज को स्टडी करते हैं। ट्विटर पर ह्यूमन बिहेवियर की स्टडी के लिए अधिकतर रिसर्चर और यूनिवर्सिटीज इन API पर निर्भर हैं। और इनके लिए पेड वर्जन लॉन्च करने का मतलब था, इस तरह की स्टडी में कमी आना।
इसके अलावा एलन मस्क के कार्यभार संभालने के बाद प्रेस से आने वाले सवालों का जवाब भी आना कम हो गया है। क्योंकि ट्रेडिशनल मीडिया आउटलेट की कवरेज और कंपनी के ऑपरेशन्स में फर्क आया है। अब press@twitter.com पर आने वाले ईमेल के जवाब में एक ‘poop’ इमोजी मिलता है।
जब फ्री स्पीच के हिमायती मस्क ने बदले सुर
44 बिलियन डॉलर की भारी भरकम रकम चुकाकर ट्विटर के टेकओवर के कुछ महीनों बाद ही मस्क ने खुद को ‘free speech absolutist’ (फ्री स्पीच का हिमायती) करार दिया।
हालांकि, अपनी लीडरशिप के कुछ महीनों बाद ही एलन मस्क के फ्री स्पीच को लेकर सुर बदल गए हैं। अब वो खुद को किसी देश के कानून का पालन करने वाला इंसान बताते हैं। इसी साल मस्क ने भारत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए मौजूद नियमों को ‘काफी सख्त’ बताया था। और कहा था कि ट्विटर के कर्मचारियों को जेल भेजने के जोखिम उठाने से बेहतर, वह सरकार के अवरोधक आदेशों का पालन करेंगे।
Twitter की टक्कर में Meta ने लॉन्च किया Threads
हाल ही में मेटा ने ट्विटर की टक्कर में नया प्लेटफॉर्म Threads लॉन्च कर दिया है। इसके बाद से ही मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) और एलन मस्क (Elon Musk) के बीच जंग छिड़ गई है। बात करें थ्रेड्स की तो ट्विटर जैसे इंटरफेस वाले इस ऐप को लॉन्च के कुछ घंटे बाद ही 10 मिलियन यूजर्स ने साइनअप कर लिया।
मेटा की बढ़ती कामयाबी के बीच मस्क ने मेटा पर कंपनी के ट्रेड सीक्रेट्स को चोरी करने का आरोप लगाया। और जुकरबर्ग को कोर्ट में घसीटने की धमकी भी दी।