Tech Layoffs in 2025: पिछले दो-तीन सालों से चला रहा सिलसिला थमा नहीं है। हम बात कर रहे हैं टेक इंडस्ट्री में लगातार हो रही छंटनी की। साल 2025 में भी Google, Microsoft और Meta जैसे दिग्गजों ने अपनी कंपनी में रीस्ट्रक्चरिंग का हवाला देते हुए बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छुट्टी की है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), कॉस्ट कटिंग और ऑपरेशनल स्ट्रीमलाइनिंग को नौकरियों में कटौती का जिम्मेदार ठहराया गया है।
Layoffs.fyi से मिले डेटा के मुताबिक, अभी तक साल 2025 में 93 कंपनियों के करीब 23,500 टेक कर्मचारी अपनी नौकरी गंवा चुके हैं। भले ही यह आंकड़ा 2022 और 2023 में हुई भयंकर छंटनी की तुलना में काफी क हो लेकिन अभी तक के ट्रेंड से यह पता चलता है कि इस साल भी राहत मिलने नहीं जा रही है।
हाल ही में अपनी पेरेंट कंपनी Alphabet के तहत गूगल ने अपने Platforms and Devices डिवीजन से सैकड़ों कर्मचारियों को नकाला। ये टीम ऐंड्रॉयड और पिक्सल स्मार्टफोन्स के अलावा Chrome पर काम कर रही थी। कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि नौकरियों में यह कटौती पिछले साल इंटरनल टीम मर्जर के बाद ‘ज्यादा प्रभावी ढंग से ऑपरेट’ किए जाने की कोशिश का एक हिस्सा है। ये कटौती इस फरवरी में Google के क्लाउड और HR डिवीजनों में पहले नौकरी में कटौती के बाद हुई है।
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बात करें माइक्रोसॉफ्ट की तो मई 2025 में दिग्गज टेक कंपनी भी एक नए राउंड की छंटनी की तैयारी कर रही है। टेक कंपनी कथित तौर पर मिडिल मैनेजमेंट को रीस्ट्रक्चर करने और कुछ डिपार्टमेंट्स में इंजीनियर-टू-मैनेजर अनुपात को 10:1 पर बढ़ाने का लक्ष्य रख रहा है। परफॉर्मेंस के आधार पर होने वाली छंटनी की संख्या भी बढ़ सकती है खासतौर पर जिन कर्मचारियों को ‘Impact 80’ या इससे कम की रेटिंग मिली है।
ना केवल छोटी कंपनियां अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर रही हैं, बल्कि Automattic के मालिकाना हक वाली WordPress ने भी कंपनी ने 270 कर्मचारियों की छुट्टी कर दी। जो कंपनी की कुल वर्कफोर्स का 16 प्रतिशत है। Canva ने 10-13 टेक्निकल राइटर्स को कंपनी से निकाल दिया।
वहीं डबलिन में TikTok ने भी 300 कर्मचारियों की छुट्टी कर दी। भारत में Ola Electric ने 1000 कर्मचारियों को जॉब से निकाल दिया। जबकि Siemens ने ऑटोमेशन और EV चार्जिंग यूनिट्स से करीब 5600 कर्मचारियों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
इसके अलावा, Salesforce, HP और Blue Origin ने भी अच्छी-खासी संख्या में नौकरियों में कटौती की है। हर कंपनी ने 1000 लोगों को नौकरी से निकाला है। Meta की बात करें तो मार्क ज़ुकरबर्ग की कंपनी ने साल की शुरुआत में अपनी कुल वर्कफोर्स में से 5 प्रतिशत लेऑफ (करीब 3600 कर्मचारी) किया। वहीं Amazon ने एफिशिएंसी को बूस्ट करने और तेजी से आगे बढ़ने के इरादे से कम्युनिकेशन टीम की छंटनी कर दी।
टेक कंपनियों द्वारा की जाने वाली छंटनी जारी है, वहीं कई कंपनियां AI-फोकस्ड भूमिकाओं के लिए बढ़-चढ़कर नियुक्तियां भी कर रही हैं। इससे संकेत मिलता है कि कंपनियों की प्राथमिकताओं में बदलाव आया है। एक्सपर्ट्स की मानें तो इन छंटनियों के लिए उच्च मुद्रास्फीति, कम तकनीकी खर्च, ब्याज दर दबाव और AI-ड्रिवन ऑटोमेशन जैसे कारण जिम्मेदार हैं।
जबकि नौकरियों का नुकसान जारी है, कई कंपनियां एआई-केंद्रित भूमिकाओं के लिए सक्रिय रूप से नियुक्तियां कर रही हैं, जो प्राथमिकताओं में बदलाव का संकेत है। विशेषज्ञ चल रही छँटनी का कारण उच्च मुद्रास्फीति, कम तकनीकी खर्च, ब्याज दर दबाव और एआई-संचालित स्वचालन पर बढ़ती निर्भरता को मानते हैं।
2025 में, टेक उद्योग एक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है – भविष्य की टेक्नोलॉजी में निवेश करते हुए लीगेसी की भूमिकाओं को कम कर रहा है।