टेस्टिंग के तौर पर पहली बार सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ की कार्यवाही आज (21 फरवरी 2023) से ट्रांसक्रिप्ट की जाएगी और बहस करने वाले वकीलों को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड करने से पहले समीक्षा के लिए दी जाएगी। यह एक या दो दिन के लिए प्रायोगिक आधार पर होगा।
सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया में पहली बार आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (AI) और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा। सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के लाइव ट्रांसक्रिप्शन के लिए पहली बार नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का यूज किया जाएगा।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) के कोर्ट रूम में पहली बार 21 फरवरी को सुबह 10.30 बजे प्रयोग के लिए लाइव ट्रांसक्रिप्शन को लॉन्च किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एक कॉन्स्टिट्यूशन बेंच (संवैधानिक पीठ) को लीड कर रहे हैं। यह बैंच महाराष्ट्र में बिजली संकट से जुड़े केस की सुनवाई कर रही है।
वकीलों के सामने लगेगी स्क्रीन
जानकारी के मुताबिक, वकीलों की तरफ कोर्ट रूम 1 में एक डिस्प्ले लगाई गई है जिस पर कोर्ट की कार्यवाही का लाइव ट्रांसक्रिप्शन दिखाया जा रहा है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट अपनी वेबसाइट पर मौखिक बहस की ट्रांसक्रिप्शन को भी उपलब्ध कराएगा।
ट्रांसक्रिप्शन सर्विस को TERES द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है।
बता दें कि सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने इससे पहले जरूरी मुकदमों की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए याचिका दायर की थी। उन्होंने सुझाव दिया था कि आर्काइव के लिए सुनवाई की ऑडियो ट्रांसक्रिप्ट की अनुमति होनी चाहिए। इसी साल जनवरी में जस्टिस चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली एक बेंच ने इन सुझावों को ऑन रिकॉर्ड लिया था।