September 2025 Chandra Grahan Kab Lagega: मार्च 2025 के Blood Moon के बाद अब एक बार फिर सितंबर में चंद्र ग्रहण (lunar eclipse) का नजारा दिखने वाला है। सबसे खास बात है कि अगले महीने लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में भी नजर आएगा। आपको बता दें कि ब्लड मून वह दुर्लभ घटना होती है जो Lunar Eclipse के समय दिखाई देता है और इस दौरान चंद्रमा खगोलीय स्थितियों के कारण लाल नजर आता है। साल 2025 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण कब है? साल के इस आखिरी चंद्र ग्रहण को भारत में भी देखा जा सकेगा। जानें भारत समेत दुनिया में कहां-कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण का अद्भुत नजारा, जानें तारीख व समय के बारे में सबकुछ…

चंद्र ग्रहण 2025 का समय व तारीख: Lunar Eclipse 2025 Date, Time

ब्लड मून चंद्रग्रहण 2025 (Blood Moon lunar eclipse 2025) 7 सितंबर 2025 को लगेगा। इंडियन स्टैंडर्ड टाइम (IST) के अनुसार यह 7 सितंबर की रात 8:58 बजे शुरू होगा और 8 सितंबर की सुबह 1:25 बजे तक चलेगा। चंद्रग्रहण, रात 11:00 बजे से 12:22 बजे तक अपने चरम यानी पीक पर होगा।

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हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि पर लगता है। और 2025 का आखिरी चंद्र ग्रहण भाद्रपद महीने की पूर्णिमा पर लग रहा है।

कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण?

दुनियाभर के कई हिस्सों में चंद्र ग्रहण का नजारा दिखाई देगा। ब्लड मून चंद्रग्रहण चीन, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी अफ्रीका, रूस और अरब देशों में नजर आएगा। इसके अलावा, आंशिक चंद्रग्रहण (partial lunar eclipse ) अलास्का के पश्चिमी हिस्सों, पश्चिमी यूरोप और ब्रिटेन (UK) में भी देखा जा सकेगा।

बात करें भारतीय शहरों की तो भारत में ब्लड मून कई सारे हिस्सों में दिखाई देगा। लखनऊ, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, मुंबई, पुणे, गोवा समेत कई शहरों में चंद्र ग्रहण और ब्लड मून का यह नजारा लोग देख सकेंगे। चंद्रग्रहण का नजारा, निश्चित रूप से आपके क्षेत्र के मौसम की स्थिति और प्रदूषण के स्तर पर निर्भर करेगी।

चंद्र ग्रहण 2025: क्या मान्य होगा सूतक काल?

बता दें कि हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। सूतक काल के दौरान कई काम जैसे यात्रा करने, खाने-पीने आदि कामों पर रोक मानी जाती है।

कब लगता है चंद्र ग्रहण?

चंद्र ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। यह केवल पूर्णिमा (पूर्ण चंद्र) की रात को ही हो सकता है, जब चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी के पीछे होता है।

चंद्र ग्रहण लगने की स्थिति:
पूर्णिमा तिथि (Full Moon) होनी चाहिए।
सूर्य–पृथ्वी–चंद्रमा एक सीधी रेखा में हों।
चंद्रमा का पथ पृथ्वी की छाया से गुजरे।

चंद्र ग्रहण के प्रकार:
पूर्ण चंद्र ग्रहण (Total Lunar Eclipse) – जब चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में आ जाता है।

आंशिक चंद्र ग्रहण (Partial Lunar Eclipse) – जब चंद्रमा का कुछ हिस्सा छाया में आता है।

उपछाया चंद्र ग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse) – जब चंद्रमा सिर्फ पृथ्वी की हल्की छाया (उपछाया) से होकर गुजरता है।