अगर आप स्मार्ट टीवी का इस्तेमाल कर रहे हैं या त्योहारी सीजन में इसे खरीदने करने की सोच रहे हैं तो हाल में आया एक शोध आपको चिंतित कर सकता है। शोध में दावा किया गया है कि घरों में लगे स्मार्ट टीवी यूजर्स पर नजर रखने के साथ ही उनका निजी डेटा भी एक्सेस कर रहे हैं। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो ने अपने शोध में दावा किया कि स्मार्ट टीवी पर देखे जाने वाले वेब कंटेंट की मदद से ओटोटी एप्स यूजर्स को ट्रैक करने के साथ उनका डेटा चोरी कर रहे हैं।

पॉपुलर ओटीटी प्लैटफॉर्म के साथ ROKU और AMAZON FIRE STICK के बारे में भी कहा गया है कि ये दोनों भी यूजर्स को ट्रैक करते हैं। बताया जाता है कि यह दुनियाभर में करोड़ों इंटरनेट से जुड़े स्मार्ट टीवी यूजर्स के लिए बड़ा खतरा है। ओटीटी यानी ओवर द टॉप सर्विस डेटा ट्रैकर्स के साथ आते हैं। इसमें ROKU के 69 फीसदी चैनल और AMAZON FIRE STICK के 89 फीसदी चैनल ट्रैकर्स से लैस हैं। शोध में कहा गया कि ओटीटी सर्विस 60 ट्रैकिंग डोमेन यानी वेबसाइट्स के साथ यूजर्स का डेटा शेयर कर रही है।

ट्रैकिंग से मिले डेटा के आधार पर कंपनियां यूजर्स को टारगेटेड विज्ञापन दिखाने का काम करती हैं ताकि उपभोक्ता उसे स्क्रीन पर नजर आने और जरुरत के चलते खरीद ले। इसके लिए कंपनियां यूजर्स की डिवाइस आईडी के साथ, सीरियल नंबर, वाई-फाई मैक एड्रेस, एसएसआईडी के डेटा को एक्सेस करती हैं।

बता दें कि टारगेटेड विज्ञापन के साथ ही डेटा अलग-अलग एप डवलपर्स के साथ शेयर किया जाता है। इससे डेटा लीक होने की आशंका भी खासी बढ़ जाती है। शोध में यह भी कहा गया कि ओटीटी सर्विस में इस्तेमाल होने वाले लोकल रिमोट कंट्रोल एपीआई सुरक्षित नहीं है। इसकी मदद से यूजर की लोकेशन, इंस्टॉल किए नए और पुराने चैनल-डिवाइस आईडेंडिफायर्स को एक्सेस किया जा सकता है।