देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल और बाजार में कुछ समय पहले ही दस्तक देने वाली कंपनी रिलायंस जियो के बीच चल रही बयानबाजी लगातार बढ़ती जा रही है। रविवार को एयरटेल ने आरोप लगाया कि जियो के खुद के नेटवर्क में कुछ तकनीकी समस्या है, जिसे वह सुधारने को तैयार नहीं है। एयरटेल का यह बयान जियो के आरोप से कुछ ही घंटे बाद आया, जिसमें जियो ने एयरटेल पर इंटरकनेक्शन प्वाइंट देने में कोताही का आरोप लगाते हुए कहा था कि इस वजह से हर रोज दोनों नेटवर्क के बीच 2 करोड़ कॉल ड्रॉप हो रहे हैं और मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी में अड़चन रही है।

एयरटेल के मुताबिक, ऐसा लगता है कि जियो की लगातार बयानबाजी उसके अपने नेटवर्क की तकनीकी खामियों की लीपापोती का एक तरीका है। इन खामियों को सुधारने के बजाए जियो लगातार दूसरे टेलीकॉम ऑपरेटर पर दोष मढ़ रही है। एयरटेल कहना है कि कॉल ड्रॉप या वीओएलटीआई में स्थायित्व जैसे मुद्दों को इंटरकनेक्शन प्वाइंट के मुद्दे से ढकने की कोशिश नहीं होनी चाहिए

देर शाम एयरटेल के आरोपों का जवाब देते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि जियो से जियो नेटवर्क पर कॉल करने में कोई भी दिक्कत नहीं होती, ऐसे में तकनीकी समस्या का आरोप गलत है। उल्लेखनीय है कि आपसी बातचीत के बाद एयरटेल ने 13 सितंबर को घोषणा की थी कि वो अतिरिक्त इंटरकनेक्शन प्वाइंट मुहैया करा रही है, जिससे मौजूदा क्षमता तीन गुना बढ़ जाएगी और ये डेढ़ करोड़ ग्राहकों के लिए पर्याप्त होगा। इसके बाद रविवार को रिलायंस जियो इन्फोकाम लिमिटेड ने भारती एयरटेल के बयान का स्वागत तो किया, लेकिन कहा था,‘एयरटेल ने जितने पीओआई जारी करने का प्रस्ताव किया है वे बहुत कम हैं।’ रिलायंस जियो ने कहा,‘दोनों कंपनियों के नेटवर्क के बीच हर दिन दो करोड़ से अधिक कॉलें विफल हो रही हैं जो कि सेवाओं की गुणवत्ता के मानकों के लिहाज से चेतावनीपरक है।’

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