आप स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं और आप चाहते हैं कि एक ही नाम पर 18 नंबर तक चला सकें, तो अब ऐसा संभव है। यह सब ई सिम से संभव हो पाया है। इसके साथ ही यह सुविधा भी आपको मिलेगी कि जब आप अपना मोबाइल नंबर किसी दूसरे ऑपरेटर में पोर्ट कराएंगे तो भी सिम नहीं लेना पड़ेगा। मतलब ई सिम सुविधा के साथ मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी का भी फायदा उठाया जा सकता है। भारत सरकार ने ई सिम को मंजूरी दे दी है। ई सिम का इस्तेमाल करने वालों को अपने फोन में सिम लगाने की जरूरत नहीं होगी बल्कि उनके सिम में सॉफ्टवेयर आधारित सिम लगाया जाएगा। यह फिजिकली नहीं होगा। ई सिम के संबंध में टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने कुछ गाइडलाइंस भी जारी कर दी हैं।

टेलिकॉम डिपार्टमेंट के मुताबिक एक नाम पर 18 मोबाइल नंबर लिए जा सकते हैं। पहले यह संख्या केवल 9 थी। मतलब इसे दोगुना कर दिया गया है। लेकिन इसके लिए एक शर्त है कि अभी भी 18 में से 9 सिम का इस्तेमाल मशीन-टू-मशीन कम्यूनिकेशन के लिए किया जा सकता है। सबसे जरूरी बात कि अभी भारत में केवल रिलायंस जियो और एयरटेल ही ई सिम की सुविधा दे पा रहे हैं। अभी हाल ही में एप्पल वॉच सीरीज 3 सेलुलर में दोनों कंपनियों ने अपना ई-सिम दिया है। अभी तक ई-सिम का इस्तेमाल भारत में स्मार्टवॉच में हो रहा है जो कि आगे चलकर स्मार्टफोन में भी होगा।

तुरंत पोर्ट हो जाएगा नंबर: ई-सिम को इंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल कहा जाता है। यह टेक्नोलॉजी  सॉफ्टवेयर के जरिए काम करती है। फिलहाल इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल स्मार्टवॉच में किया जा रहा है। लेकिन इस तकनीक को अब स्मार्टफोन पर रोल-ऑउट कर दिया जाएगा, जिससे यूजर्स केवल सॉफ्टवेयर के जरिए टेलीकॉम सेवाएं ले सकेंगे। इसके अलावा एक ऑपरेटर से दूसरे ऑपरेटर में स्विच करने में भी आसानी होगी। ई-सिम टेक्नोलॉजी के जरिए स्मार्टफोन की बैटरी भी ज्यादा बैकअप देगी। सॉफ्टवेयर के जरिए काम करने वाले ई-सिम में फिजिकल सिम की अपेक्षा में स्मार्टफोन के बैटरी की खपत कम हो जाएगी। इसके अलावा यूजर्स का सिम पोर्ट करने के लिए 7 दिन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इस तकनीक से यूजर्स तुरंत अपने ऑपरेटर बदल सकते हैं।