रिलायंस जियो ने फ्री वॉइस कॉलिंग और सस्‍ते डाटा के चलते टेलीकॉम सेक्‍टर में भले ही हड़कंप ला दिया हो लेकिन धरातल पर सच्‍चाई अलग नजर आती है। कंपनी के चेयरमैन और एमडी मुकेश अंबानी ने जो दावे और वादे किए थे वे लॉन्चिंग के पहले महीने में ही टूटते नजर आते हैं। मुकेश अंबानी ने वेलकम ऑफर के तहत 15 मिनट में सिम एक्टिवेट होने, ई-केवाईसी रजिस्‍ट्रेशन और अनलिमिटेड फ्री डाटा का दावा किया था। रिलायंस जियो ने 5 सितंबर से अपनी कमर्शियल सर्विस शुरू की है। फिलहाल कंपनी 31 दिसंबर तक अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग, 4जी डेटा, एसएमएस और जियो ऐप जैसी सुविधाएं मुफ्त में दे रही है। जियो का सिम खरीदने के लिए लोगों को लंबी-लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं। रिलायंस जियो के लॉन्‍च के बाद कई बड़े टेलीकॉप ऑपरेटर्स ने सीधे तौर पर जियो पर आरोप लगाए हैं। जियो के खिलाफ टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया में भी शिकायत दर्ज कराई गई है। वर्तमान में जियो उपभोक्‍ताओं को पांच बड़ी समस्‍याओं का सामना करना पड़ रहा है।

जियो सिम एक्टिवेट करने में देरी: लोगों का कहना है कि जियो 4जी सिम लेने के लिए पहले तो उन्‍हें लंबी लाइनों से गुजरना पड़ा। कई बार भीड़ के चलते वापस लौटना पड़ा। कुछ यूजर ने बताया कि सिम के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं। वहीं कुछ ने बताया कि सिम लेने के कई सप्‍ताह बाद भी वे एक्टिवेशन का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि हर बार उन्‍हें कहा जाता है कि दो दिन में सिम शुरू हो जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। लोगों का कहना है कि आधार कार्ड देने के बाद भी उन्‍हें एक्टिवेशन का इंतजार करना पड़ रहा है।

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इंटरनेट स्पीड: जब जियो सर्विसेज शुरू हुई तब इसकी इंटरनेट की स्पीड शानदार थी। लेकिन अब यह डांवाडोल हो रही है। कभी 40 तो कभी 15 एमबीपीएस की स्‍पीड मिल रही है। एक इलाके से दूसरे इलाके में जाने पर भी स्पीड अलग-अलग है। दिन और रात की स्‍पीड में अंतर देखने को मिल रहा है। हमारे अपने स्‍पीड टेस्‍ट में जियो 4जी की स्‍पीड में असमानता नजर आई।

रिलायंस जियो की स्‍पीड 33 से लेकर 14एमबीपीएस तक रह रही है।

मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी: पहले रिलायंस की ओर से कहा गया कि बाकी की कंपनियां उसका सहयोग नहीं कर रही है। प्रतिस्‍पर्धी कंपनियां एमएनपी नहीं करने दे रही है। बाद में यह मामला ट्राई में भी पहुंचा। लोगों का कहना है कि रिलायंस स्‍टोर्स पर कहा जा रहा है कि सिम की कमी है।

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वॉइस कॉल: जियो यूजर्स की सबसे बड़ी शिकायत वॉइस कॉलिंग को लेकर है। उनका कहना है कि वोडाफोन और एयरटेल पर कॉल करने में काफी परेशानी होती है। इन नंबर पर कॉल के लिए पांच से छह बार नंबर डायल करना ही पड़ता है। इस पर भी जरूरी नहीं कि कॉल मिल ही जाए। हालांकि जियो से जियो की सर्विस ठीक है लेकिन बाकी नेटवर्क पर हालात बुरे हैं। हालां‍कि जियो के साथ कॉल ड्रॉप जैसी दिक्‍कत नहीं है।

दगा दे रही रिलायंस जियो 4जी की स्‍पीड, 21 दिन में ही यह हाल है तो 31 दिसंबर के बाद क्‍या होगा?

कस्‍टमर केयर सर्विस: जियो कस्‍टमर सर्विस केयर का अनुभव भी बुरा साबित हो रहा है। शिकायत या मदद के लिए कॉल करने पर हताशा ही हाथ लगती है। इनमें से ज्‍यादातर लोग वे हैं जिन्हें अपनी सिम एक्टिवेट करानी है। साथ ही वॉइस कॉल की दिक्‍कत को लेकर भी सुनवाई नहीं हो पा रही है। सोशल मीडिया के जरिए बात पहुंचाने पर भी इंतजार करने का आश्‍वासन ही मिलता है।