चैटजीपीटी (ChatGPT) जल्द ही भारतीय शैक्षणिक पाठ्यक्रमों से जुड़े जटिल सवालों के उच्च गुणवत्ता वाले जवाब भारतीय भाषाओं में देगा। यह कहना है लेह बेलस्की का जो ओपन एआई (Open AI) की एजुकेशन सेक्शन की प्रमुख हैं। बेलस्की ने सोमवार को दिल्ली में ओपनएआई लर्निंग एक्सेलरेटर (OpenAI Learning Accelerator) को लॉन्च किया।

IIT मद्रास के साथ OpenAI ने किया करार

ओपनएआई ने भारत-प्रथम दृष्टि से लॉन्च किये गये OpenAI Learning Accelerator प्लेटफार्म और आईआईटी मद्रास के बीच एक नए साझा रिसर्च प्रोजेक्ट की भी घोषणा की। ओपेनएआई इस प्रोजेक्ट के लिए पाँच लाख अमेरिकी डॉलर का अनुदान देगा। इस ग्रांट के तहत एआई से जुड़े लम्बी अवधि का शोध होगा जिसमें इसकी बात का परीक्षण किया जाएगा कि एआई के प्रयोग से किस तरह सीखने की क्षमता बढ़ायी जा सकती है, शिक्षण के नए तरीके विकसित किये जा सकते हैं और इसमें कॉग्निनेटिव न्यूरोसाइंस से मिली अंतर्दृष्टि का किस तरह उपयोग किया जा सकता है।

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में लेह बेलस्की ने बताया कि अगले छह महीने में ओपनएआई करीब पाँच लाख भारतीय छात्रों को मुफ्त में चैटजीपीटी का लाइसेंस देगा और उन्हें इसका प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिन लोगों को यह लाइसेंस मिलेगा उनमें छात्र और शिक्षक दोनों शामिल होंगे। ओपनएआई भारत के शिक्षा मंत्रालय और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ( AICTE) और ARISE के सहयोग छात्रों और शिक्षकों को प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगा।

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AI कैसे करेगा मदद?

लेह बेलस्की ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा “एआई आजीवन मदद करने वाला निजी ट्यूशन टीचर बन सकता है। अध्यापकों के लिए एआई शिक्षण के मुख्य विषयों पर ज्यादा समय देने का अवसर उपलब्ध करा सकता है।”

बेलस्की ने बताया, “हम ये इसलिए कर रहे हैं क्योंकि शिक्षा हमारे अभियान के केन्द्र में है। हमें सचमुच यकीन है कि एआई छात्रों के लिए शिक्षा का मतलब बदल सकता है। यह उनका आजीवन साथ रहने वाले निजी ट्यूटर बन सकता है। शिक्षकों के लिए एआई समय बचाने का माध्यम बन सकता है ताकि वो अपने विषय के मूल चीजों पर ध्यान दे सकें। संस्थानों के लिए एआई एक ऐसा मूलभूत ढाँचा बन सकता है जो उन्हें संस्थान के प्रबंधन में मदद कर सकता है साथ ही शिक्षण और शोध में भी सहायक हो सकता है।”

भारत के करीब 30 करोड़ छात्रों के बारे में टिप्पणी करते हुए बेलस्की ने कहा, “ओपनएआई भारत के शैक्षणिक परिदृश्य को सर्वाधिक विविधतापूर्ण मानता है। यहाँ आईआईटी जैसे विश्वस्तरीय संस्थानों से लेकर सीमित शैक्षणिक पहुँच वाले ग्रामीण स्कूल तक हैं जहाँ कम क्षमता वाले शिक्षक पढ़ाते हैं।”

‘चैटजीपीटी सबसे बड़ा लर्निंग प्लेटफार्म’

बेलस्की ने बताया कि चैटजीपीटी अब धरती का सबसे बड़ा लर्निंग प्लेटफार्म है। भारत के कुल चैटजीपीटी यूजर में से 50 प्रतिशत यूजर की उम्र 24 साल से कम है यानी भारत में छात्र चैटजीपीटी के यूजरों में छात्र ज्यादा हैं। हमारी टीम भारत में हफ्तों तक रहकर यह जानने का प्रयास किया कि यहाँ के छात्र और अभिभावक चैटजीपीटी का कैसे प्रयोग करते हैं। एक बात यह उभरकर आयी कि यहाँ अभिभावक चाहते हैं कि चैटजीपीटी बच्चों के लिए ट्यूटर की तरह काम करे न कि हर सवाल का जवाब देने वाली किसी मशीन की तरह।”

बेलस्की ने बताया कि चैटजीपीटी को आईआईटी से लेकर सीबीएसई तक, विभिन्न भारतीय पाठ्यक्रमों के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है। ओपनएआई ने राघव गुप्ता को भारत प्रशांत क्षेत्र का एजुकेशन प्रमुख नियुक्त हैं। राघव गुप्ता भारतीय छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए ओपनएआई को ज्यादा सुगम बनाने के लिए काम करेंगे। इंडियन एक्सप्रेस से बातचती में राघव गुप्ता ने कहा, “हमारा विचार ये है कि हम इस टेक्नोलॉजी को टीचरों को उपलब्ध कराएँगे ताकि वो इसके इस्तेमाल से छात्रों को पढ़ाने से जुड़े विभिन्न कार्य आसानी से कर पाएँ।”

ओपनएआई शिक्षकों के संग किस तरह सहयोग करेगा यह पूछने पर राघव गुप्ता ने कहा कि “हम केन्द्र और राज्य दोनों सरकारों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। अभी हमने शुरुआत ही की है तो अभी यह चीजें योजना स्तर पर हैं।”