Watch Live Cricket Without Internet and sim card: मोबाइल फोन पर लाइव क्रिकेट मैच देखना हो या यूट्यूब पर कोई वीडियो या फिर ऑनलाइन पढाई करनी हो, इसके लिए अब इंटरनेट और सिम कार्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी। नई तकनीक डायरेक्ट-टू-मोबाइल (डी2एम) की बदौलत निकट भविष्य में यह संभव हो पाएगा। इसके लिए सिर्फ एक विशेष चिप की जरूरत होगी।

प्रसार भारती, आईआईटी कानपुर और सांख्य लैब के साझा प्रयासों से तैयार इस तकनीक का पायलट परियोजना के तौर पर दिल्ली-एनसीआर में ट्रायल चल रहा है।

टीवी और रेडियो की तरह स्मार्टफोन पर सीधा प्रसारण

डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) की तर्ज पर डी2एम के जरिए अब टीवी और रेडियो की तरह सीधा प्रसारण स्मार्ट मोबाइल फोन पर देखा व सुना जा सकेगा। जानकारों का कहना है कि इस प्रौद्योगिकी से इंटरनेट ट्रैफिक में कमी के साथ ही डेटा प्लान पर होने वाला खर्च भी कम होगा।

इस परियोजना से जुड़े एक विशेषज्ञ ने बताया कि इस तकनीक से टेलीविजन की तरह मोबाइल पर बगैर इंटरनेट सभी प्रसारण देखने और डेटा डाउनलोड की भी सुविधा होगी। सांख्य लैब के सीईओ पराग नायक ने बताया कि लोग मोबाइल में महज एक चिप से तमाम सेवाओं का उपयोग कर सकेंगे। वीडियो प्रोग्राम के लिए चिप का इस्तेमाल किया जाएगा, जो एंटीना की तरह काम करेगा। अगले कुछ समय में इसे ब्रॉडबैंड और मोबाइल नेटवर्क से भी जोड़ा जाएगा। फिलहाल, ऐप्पल से इसके लिए बातचीत नहीं हुई है, लेकिन भविष्य में ऐप्पल के मोबाइल फोन पर भी यह सुविधा मुहैया कराई जाएगी।

स्वास्थ्य व शिक्षा सहित तमाम क्षेत्रों में होगी सुविधा

डी2एम सेवा की शुरुआत अगले साल होने की संभावना है। इससे शिक्षा या प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मोबाइल पर ऑनलाइन प्रशिक्षण लेना भी आसान होगा। इसके अलावा स्वास्थ्य व कृषि समेत अन्य क्षेत्रों से जुड़ी जानकारियां भी मोबाइल पर बिना इंटरनेट के हासिल की जा सकेंगी। दूरदराज के इलाकों के लिए यह काफी फायदेमंद साबित होगी।

70 से 75% डेटा वीडियो देखने में इस्तेमाल हो रहा

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव अभय करंदीगर ने कहा कि वर्तमान में इंटरनेट उपयोग को देखें तो करीब 70 से 75 फीसद डेटा वीडियो देखने में इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में एक ऐसी तकनीक की जरूरत महसूस की जा रही थी, जो वीडियो के प्रसारण और खपत को अनुकूलित कर सके।

जल्द 19 शहरों में होगा परीक्षण

सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि घरेलू डायरेक्ट-टू-मोबाइल (डी2एम) प्रौद्योगिकी का परीक्षण जल्द ही देश के 19 शहरों में किया जाएगा। इस तरह की नई टेक्नोलॉजी के लिए 470-582 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम आरक्षित करने पर विचार किया जा रहा है उन्होंने कहा कि वीडियो ट्रैफिक का 25-30 फीसद डी2एम में स्थानांतरित होने से 5जी नेटवर्क पर भीड़ कम हो जाएगी। इससे देश में डिजिटल बदलाव में तेजी आएगी। चंद्रा ने कहा कि डी2एम तकनीक देशभर में करीब 8-9 करोड़ टीवी ह्यडार्क घरों तक पहुंचने में मदद करेगी।