साल 2021 का चंद्र ग्रहण फिलहाल जारी है। यह सुबह 11 बजे 34 मिनट पर चालू हुआ था, जबकि शाम पांच बजकर 34 मिनट तक रहेगा। यह इस वर्ष का आखिरी आंशिक चंद्र ग्रहण है, जो 580 साल बाद सबसे लंबा चंद्र ग्रहण बताया जा रहा है। दुनिया के कई हिस्सों में इसे देखा जा सकता है, जबकि भारत में यह अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ क्षेत्रों से दिखाई देगा।
एमपी बिड़ला तारामंडल में डायरेक्टर ऑफ रिसर्च एंड अकैडमिक देवी प्रसाद दुआरी के मुताबिक, इस ग्रहण का चरम दोपहर 2.34 बजे होगा, जब चंद्रमा का 97 प्रतिशत हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढक जाएगा।
ग्रहण के दौरान चंद्रमा के लाल रंग का दिखाई देने की संभावना है। ऐसा तब होता है जब सूर्य के प्रकाश की लाल किरणें पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरती हैं और कम से कम विक्षेपित होकर चंद्रमा पर गिरती हैं।
अफसोस की बात है कि अधिकांश भारत को चंद्र ग्रहण देखने को नहीं मिलेगा। हालांकि, भारत के पूर्वोत्तर हिस्से में रहने वालों को यह दिखेगा। अरुणाचल प्रदेश और असम के एक छोटे से हिस्से में ग्रहण देखने को मिलेगा और उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड के लोग भी ग्रहण के अंतिम भाग को देख सकते हैं।
वैसे, लोवेल ऑब्जर्वेटरी (Lowell Observatory) के यूट्यूब चैनल और timeanddate.com पर ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग देखी जा सकती है। चंद्र ग्रहण को देखने के लिए टेलीस्कोप या फिर बाइनोकुलर्स की जरूरत नहीं पड़ती है। आप जहां से भी चांद को देखते हैं, वहां से ग्रहण को भी देख सकते हैं।
बता दें कि आखिरी चंद्र ग्रहण 27 जुलाई, 2018 को था। अगला चंद्र ग्रहण 16 मई, 2022 को होगा, लेकिन दुआरी के अनुसार यह भारत से दिखाई नहीं देगा। भारत से दिखाई देने वाला अगला चंद्र ग्रहण आठ नवंबर, 2022 को होगा जो कि कुछ समय दूर है।
सूरज, पृथ्वी और चांद जब एक सीध में होते हैं और पूर्णिमा को जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, तब उसकी छाया चांद पर आती है। हम जब इस दौरान पृथ्वी से चांद को देखते हैं तो वह हिस्सा काला नजर आता है। यही वजह है कि इसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है।