डोमेन नेम सिस्टम (डीएनएस) सेटिंग के जरिए फोन हैकिंग की आशंका को कम किया जा सकता है। साथ ही वेब ब्राउजिंग के दौरान परेशान करने वाले ऐड्स (विज्ञापन) भी नहीं नजर आएंगे। आइए जानते हैं क्या है डीएनएस और यह कैसे करता है काम:
ऐसे करें इनेबलः आपको इसे ऑन करने के लिए फोन की सेटिंग पर जाना होगा। वहां वायरलेस के ऑप्शन को चुनें, जहां “प्राइवेट डीएनएस” को सेलेक्ट कर लें। अब इसके अंदर “ऑटो” को सेलेक्ट कर लें। ऐसा करने से फोन पर गूगल का डिफॉल्ट डीएनएस ऑन हो जाएगा।
मान लीजिए कि आपने फोन पर कोई वेबसाइट खोली, तब फोन का वेब ब्राउजर इस आईपी एड्रेस को खोजने के लिए डीएनएस सर्वर पर जाता है। फिर वहां से वेबसाइट के नाम की जगह एड्रेस को खोलता है, तब जाकर फोन पर वह साइट खुल पाती है। हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया अन-एनक्रिप्टेड होती है। मतलब फोन पर साइबर अटैक होने का खतरा रहता है, जबकि उसके हैक होने की आशंका भी रहती है।
इन टिप्स के जरिए फोन को रख सकते हैं सुरक्षित:
- फेस, फिंगर, पैटर्न या पिन लॉक लगाकर रखें।
- वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का यूज करें।
- ऐप स्टोर सिर्फ आधिकारिक और विश्वसनीय ऐप्स ही डाउनलोड करें।
- फोन में डेटा का बैक अप रखें।
- ऐप को समय समय पर अपडेट करते रहें।
- ऑनलाइन सेवाओं को अनलॉक न छोड़ें।
- कोशिश करें कि अपनी डिवाइस पर पासवर्ड्स न रखें।
रोचक बात है कि वेबसाइट खोलने के दौरान कई मौकों पर फालतू के विज्ञापन भी आने लगते हैं। यही नहीं कई बार तो कोई और ही वेबसाइट खुल जाती है, इस स्थिति में अगर आप प्राइवेट डीएनएस ऑन कर लेंगे, तब आपके फोन और डीएनएस सर्वर के बीच में जो भी कम्युनिकेशन होता है, वह एनक्रिप्टेड हो जाता है। ऐसे में यूजर की ऑनलाइन ट्रैकिंग करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। साथ ही थर्ड पार्टी ऐड्स देखने को नहीं मिलते हैं।
एंड्रॉयड डिवाइस पर गूगल ऐड रोकने का यह है तरीका: ‘सेटिंग्स’ पर जाएं और नीचे ‘गूगल’ पर टैप करें। “सर्विसेज” सेक्शन में “ऐड्स” पर टैप करें और फिर ‘ऑप्ट आउट ऑफ ऐड्स पर्सनलाइजेशन’ को “ऑफ” कर दें।