टेलिकॉम कंपनियां एयरटेल, जियो और वोडाफोन आइडिया जल्द अपने करोड़ों ग्राहकों को जल्द झटका दे सकती हैं। जी हां, पिछले काफी समय से खबरें आ रही हैं कि रिचार्ज प्लान फिर से महंगे हो सकते हैं। अब एक बार फिर रिचार्ज की कीमतें बढ़ने की खबरों ने स्पीड पकड़ ली है। नई रिपोर्ट्स से पता चला है कि अगले महीने यानी 1 दिसंबर 2025 से मोबाइल यूजर्स को खर्चा 10-12 प्रतशित तक बढ़ सकता है। हालांकि, अभई तक TRAI या Airtel, Jio, Vi की तरफ से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
पॉप्युलर टिप्स्टर अभिषेक यादव ने अपने X (Twitter) अकाउंट पर रिचार्ज की कीमतें बढ़ने से जुड़ी जानकारी पोस्ट की है। इसके अलावा DealBee Deals ने भी ट्वीट कर 1 दिसंबर से रिचार्ज की कीमतें बढ़ने का दावा किया है।
2GB डेटा के लिए 1000 रुपये का खर्चा?
टिप्स्टर अभिषेक यादव ने ट्वीट किया कि कुछ रिपोर्ट्स से ऐसे संकेत मिले हैं कि भारत में मोबाइल डेटा प्लान की कीमतों में जल्द इजाफा हो सकता है। टेलिकॉम ऑपरेटर्स जियो, एयरटेल और Vi (Vodafone Idea) रिचार्ज की दरों में करीब 10 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी कर सकती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 84 दिन की वैलिडिटी के साथ आने वाले 2GB डेटा प्लान की कीमत बढ़कर 949 रुपये से 999 रुपये तक हो सकती है।
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1 दिसंबर से बढ़ जाएंगे रिचार्ज के दाम?
DealBee Deals नाम के ट्विटर अकाउंट पर दी गई जानकारी की बात करें तो टेलिकॉम कंपनियां 1 दिसंबर, 2025 से रिचार्ज प्लान की कीमत बढ़ाने वाली हैं। प्रीपेड प्लान की कीमतों में 10-12 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की जा सकती है। इस अकाउंट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, 199 रुपये वाले प्लान की कीमत करीब 219 रुपये और 899 रुपये वाले प्लान की कीमत बढ़कर 999 रुपये हो सकती है। हालांकि, इस खबर की पुष्टि नहीं होने की जानकारी भी पोस्ट में दी गई।
फिलहाल रिचार्ज की कीमत बढ़ने की ये खबरें सिर्फ दावें हैं और कुछ रिपोर्ट्स पर आधारित हैं। जैसा कि हमने आपको बताया कि टेलिकॉम कंपनियां या TRAI की तरफ से इस बारे में किसी तरह की ऑफिशियल जानकारी नहीं दी गई है।
एयरटेल और Vi दोनों ही लंबे समय से टैरिफ सुधार की जरूरत पर जोर दे रहे हैं क्योंकि टेलीकॉम सेक्टर बेहद पूंजी-प्रधान (capital-intensive) उद्योग है। और 5G इंफ्रास्ट्रक्चर में लगातार निवेश की मांग करता है।
हालांकि कंपनियों ने अभी तुरंत कीमतें बढ़ाने का रास्ता नहीं चुना है, लेकिन वे एक सूक्ष्म रणनीति (subtler approach) अपना रही हैं। यानी कम कीमत वाले प्लान्स को धीरे-धीरे हटाकर या सीमित कर के औसत प्रति यूजर्स राजस्व (ARPU) को बढ़ाने की दिशा में कदम उठा रही हैं।
