Wi-Fi Network की सुरक्षा – कोरोना महामारी के साथ ही दुनिया के साथ देश में भी वर्क फ्रॉम होम का कल्चर शुरू हो गया। वहीं कोविड की वजह से बच्चों के स्कूल भी बंद हो गए। ऐसे में काम ज्यादा होने की वजह से मोबाइल का डेटा पूरा नहीं पड़ता था। जिसके चलते बहुत से लोगों ने अपने-अपने घरों में वाईफाई कनेक्शन लिए।

लेकिन आसपास के बहुत से लोगों ने हो सकता है कि, आपके वाई-फाई कनेक्शन में सेंध लगता दी हो और आपके पैसे पर फ्री के इंटरनेट का मजा ले रहे हो। इसलिए यहां हम आपको वाई-फाई करनेक्शन को सुरक्षित करना तो बताएंगे ही साथ में सेंध लगाने वालों के बारे में पता करना भी बताएंगे।

इंटरनेट का स्लो हो जाना – क्या आपका वाई-फाई कनेक्शन स्लो हो रहा है? क्या पिछले कुछ दिनों से इंटरनेट की स्पीड बहुत कम हो गई है? जबकि स्लो कनेक्शन के अन्य कारण भी हैं, जैसे सर्वर की समस्या, नेटवर्क को रोकने वाली दीवारें और ऑब्जेक्ट, या यह भी संभव है कि कोई व्यक्ति आपके वाई फाई का उपयोग आपकी इजाजत के बिना कर रहा हो।

हैकर का कैसे लगाएं पता – आपके वाई-फाई से जो भी डिवाइज कनेक्ट होती है तो उसका यूनिक आईपी और मैक एड्रेस होता है। इसका नाम मालिक के नाम से सेट किया जा सकता है। इसे आप राउटर की सेटिंग्स के माध्यम से कनेक्टेड डिवाइज की लिस्ट में देख सकते हैं।

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इसलिए, यदि आप अपने नेटवर्क पर कुछ संदिग्ध नाम पाते हैं जिसे आप नहीं पहचानते हैं, तो सबसे अधिक संभावना है कि घुसपैठिया है! यहां तक ​​​​कि अगर आपको कोई नाम दिखाई नहीं देता है, तब भी आप यह पता लगा सकते हैं कि घुसपैठिए कौन है, जुड़े डिवाइस की संख्या की जांच करके और उस व्यक्ति का पता लगा सकते हैं जिसे आप नहीं पहचानते हैं।