भारत सरकार ने साइबर फ्रॉड पर लगाम लगाने की कड़ी में कुल 87 अवैध लोन देने वाले ऐप्स को बैन कर दिया है। सरकार ने सोमवार को कहा कि निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए 87 अवैध लोन देने वाले मोबाइल ऐप्स को ब्लॉक कर दिया गया है।
कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने सोमवार को लोकसभा में बताया, “इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69A के तहत सार्वजनिक पहुंच के लिए किसी भी सूचना को ब्लॉक करने के निर्देश जारी करने का अधिकार प्राप्त है। अब तक निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए, MeitY ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69A के तहत कुल 87 अवैध लोन ऐप्स (illegal loan lending applications) को ब्लॉक किया है।”
एक लिखित जवाब में उन्होंने यह भी बताया कि कंपनियों अधिनियम, 2013 (Companies Act, 2013) के तहत जांच, बुक्स ऑफ अकाउंट्स का निरीक्षण और जांच जैसी नियामकीय कार्रवाई समय-समय पर उन कंपनियों के खिलाफ की जाती है जिनमें वे कंपनियां भी शामिल हैं जो लोन ऐप्स के जरिए ऑनलाइन उधार देने की गतिविधियों में शामिल होती हैं।
उन्होंने कहा, “जब भी Companies Act, 2013 के तहत किसी तरह का उल्लंघन पाया जाता है तो उसके अनुसार उपयुक्त कानूनी कार्रवाई की जाती है।” कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ही कंपनियों अधिनियम को लागू करने वाला प्राधिकरण है।
