अमेरिकी टेक दिग्गज गूगल ने अगले पांच सालों में आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक अत्याधुनिक Artificial Intelligence (AI) सेंटर स्थापित करने की घोषणा की है। कंपनी इस प्रोजेक्ट में 15 अरब डॉलर (लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये) का निवेश करेगी। इस मेगा प्रोजेक्ट में अडानी ग्रुप के साथ साझेदारी में देश का सबसे बड़ा डेटा सेंटर भी शामिल होगा। गूगल के मुताबिक, विशाखापत्तनम में बनने वाला यह AI सेंटर अमेरिका के बाहर कंपनी का सबसे बड़ा केंद्र होगा। इसमें 1 गीगावाट क्षमता वाला डाटा सेंटर कैंपस, नए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत, और एक विस्तारित फाइबर-ऑप्टिक नेटवर्क जैसी आधुनिक सुविधाएं शामिल की जाएंगी।
कंपनी के एक इवेंट में Google Cloud के CEO थॉमस कुरियन ने कहा, “यह अमेरिका के बाहर सबसे बड़ा AI केंद्र होगा, जिसमें हम निवेश करने जा रहे हैं।” गूगल और अडानी ग्रुप के बीच इस परियोजना को लेकर औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह घोषणा नई दिल्ली में आयोजित ‘भारत एआई शक्ति’ नामक कार्यक्रम के दौरान हुई। यह इवेंट आने वाले ‘भारत-एआई इम्पैक्ट समिट 2026’ से पहले आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में देश के कई बड़े नेता और अधिकारी मौजूद थे, जिनमें केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू भी शामिल थे। इस प्रोजेक्ट से न केवल भारत में AI रिसर्च और डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर को नई दिशा मिलेगी, बल्कि यह डिजिटल इंडिया के विजन को भी और मजबूत करेगा।
गूगल एआई सेंटर एक ऐतिहासिक उपलब्धि
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात करके बहुत अच्छा लगा, हमने विशाखापत्तनम में पहले गूगल एआई सेंटर के लिए अपनी योजनाओं को साझा किया जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।’’ पिचाई ने लिखा, ‘‘यह सेंटर गीगावाट स्तरीय कंप्यूटिंग क्षमता, एक नया अंतरराष्ट्रीय सब-सी गेटवे और विशाल ऊर्जा अवसंरचना को एक साथ लाता है। इसके माध्यम से हम अपनी उद्योग-अग्रणी प्रौद्योगिकी को भारत के उद्यमों एवं उपयोगकर्ताओं तक पहुंचाएंगे जिससे एआई नवोन्मेषण में तेजी आएगी और देश भर में विकास को गति मिलेगी।’’
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इसके अलावा अरबपति गौतम अडानी के समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने कहा कि उसकी संयुक्त उद्यम कंपनी अडानीकॉनेक्स और गूगल, विशाखापत्तनम में भारत का सबसे बड़ा एआई डेटा सेंटर परिसर और नई हरित ऊर्जा अवसंरचना विकसित करेंगे। विशाखापत्तनम में गूगल का एआई केंद्र पांच वर्ष (2026-2030) में करीब 15 अरब अमेरिकी डॉलर का बहुआयामी निवेश है, जिसमें गीगावाट स्तरीय डेटा सेंटर संचालन शामिल है जो एक मजबूत सब-सी केबल नेटवर्क और स्वच्छ ऊर्जा द्वारा समर्थित है। इसका मकसद भारत में सबसे जटिल एआई कार्यों को अंजाम देना है।
कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘इसे अडानीकॉनेक्स और एयरटेल सहित परिवेश भागीदारों के साथ घनिष्ठ सहयोग से क्रियान्वित किया जाएगा।’’ डेटा सेंटर में कितना निवेश किया जाएगा हालांकि इसकी यहां कोई जानकारी नहीं दी गई। कंपनी ने कहा कि इस परियोजना के तहत आंध्र प्रदेश में नई पारेषण लाइन, स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और नवीन ऊर्जा भंडारण प्रणालियों में संयुक्त निवेश किया जाएगा। अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा, ‘‘अदाणी समूह को इस ऐतिहासिक परियोजना पर गूगल के साथ साझेदारी करने पर गर्व है, जो भारत के डिजिटल परिवेश के भविष्य को परिभाषित करेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल बुनियादी ढांचे में निवेश से कहीं बढ़कर है। यह एक उभरते राष्ट्र में निवेश है।’’
आगे बढ़ रहा डिजिटल बुनियादी ढांचा
थॉमस कुरियन ने कहा, ‘‘गूगल, एआई युग में भारत की विशाल क्षमता को उजागर करने के लिए एआई केंद्र में निवेश कर रही है जो विकास को गति देने के लिए महत्वपूर्ण आधार प्रदान करेगा। साथ ही व्यवसायों, शोधकर्ताओं एवं रचनाकारों को एआई के साथ निर्माण एवं विस्तार करने में सक्षम बनाएगा।’’
कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में 2014 से कई नीतिगत प्रणालियां शासन का हिस्सा रही हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू की सराहना करते हुए सीतारमण ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के शुरुआती दिनों में दिखाया कि वह डिजिटल बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए क्या कर सकते हैं। सीतारमण ने कहा कि इसलिए मुझे लगता है कि यह काम करने के लिए सही जगह और आने के लिए सही देश है… ‘‘ यह भारतीय इतिहास के उन बहुत ही दिलचस्प चरणों में से एक है जहां नीति, राजनीतिक क्षेत्र में कई दलों द्वारा इसे अपनाने से पहले ही आगे बढ़ रही है।’’
भाषा