पूरे देश में सभी गाड़ियों पर फास्टैग अनिवार्य हो गया है। सोमवार रात से इसे लागू कर दिया गया। चाहें आप शहर में ही घूमते हों या आने-जाने के लिए हाइवे का इस्तेमाल करते हों, आपको अपनी गाड़ी पर फास्टैग लगाना जरूरी होगा। पहले की तरह की फास्टैग लागू होने की अंतिम तिथि नहीं बढ़ेगी- यह सरकार ने स्पष्ट कर दिया है। अगर गलती से भी आपने अपनी गाड़ी बिना फास्टैग के टोल प्लाजा पर लगाई तो आपसे दोगुना टोल की वसूली की जाएगी।
अब से टोल-नाकों पर गुजरने वाली सभी गाड़ियों पर फास्टैग लगा होना अनिवार्य है। जिसके बाद इन टोल प्लाजा पर फास्टैग के जरिए नकद रहित भुगतान किया जाएगा। उम्मीद है कि इससे टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लंबी कतारें नहीं लगेंगी, साथ ही जाम से भी छुटकारा मिलेगा। सरकार टोल प्लाजा पर अभी तक मिलने वाली डैडीकेटेड कैश लेन की सुविधा खत्म कर देगी और सभी लेन से फास्टैग के जरिए ही वाहन बिना रुकावट निकल सकेंगे।
अगर आप हाइवे के आसपास के गांवों या किस ऐसे शहर में रहते हैं, जहां टोल प्लाजा से हो कर गुजरना पड़ता है तब भी आपके लिए गाड़ी पर फास्टैग लगाना जरूरी होगा। अभी तक ऐसी जगहों पर रहने वाले आधार कार्ड दिखा कर टोल प्लाजा पार कर लिया करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं पाएगा। सरकार के दिशानिर्देश में स्थानीय वाहन स्वामियों को किसी प्रकार की छूट का प्रावधान नहीं दिया गया है।
अभी तक टोल प्लाजा के कर्मचारी किसी विवाद से बचने के लिए पहचान पत्र या आधार कार्ड देख कर ऐसा नागरिकों को बिना टोल चुकाए जाने की छूट दे दिया करते थे। टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले लोगों को वाहनों पर फास्टैग लगाना होगा। इसके लिए सरकार ने मासिक शुल्क का प्रावधान रखा है। ऐसे लोगों को 275 रुपए मासिक का फास्टैग हर माह रिचार्ज करना होगा।
विधायकों एवं सांसद की दो गाड़ियों के लिए जीरो बैलेंस वाला फास्टैग सरकार की ओर से जारी किया गया है। जीरो बैलेंस वाला फास्टैग बनवाने के लिए सरकारी विभागों को एनएचएआइ की वेबसाइट पर आवेदन करना होगा। अभी तक टोल प्लाजा पर सेना या पुलिस के अधिकारी अगर निजी वाहन से टोल प्लाजा से निकलते थे तो परिचय पत्र दिखा कर उन्हें भुगतान में छूट मिल जाया करती थी। एनएचएआइ की ओर से शेड्यूल-जी के तहत टोल संचालक कंपनी को गाइडलाइन भेजी गई है, जिसमें कहा गया है कि अगर सेना के जवान ड्यूटी पर हैं और सरकारी वाहन में सफर कर रहे हैं, तो उनसे टैक्स नहीं वसूला जाएगा, लेकिन उन्हें अपना वाहन पर फास्टैग लगाना अनिवार्य होगा।
जहां से खरीदा फास्टैग, वहीं होगा रिचार्ज। लोगों को फास्टैग वहीं से रिचार्ज कराना होगा, जहां से इन्हें खरीदा गया है। अगर किसी दूसरे बैंक से फास्टैग रिचार्ज करते हैं तो उस पर 2.5 फीसद का लोडिंग चार्ज देना होगा, यानी 1000 रुपए पर 25 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे। यूपीआइ या गूगल पे से भी आप संबंधित बैंक को शामिल करके, फास्टैग रिचार्ज कर सकते हैं। यह पांच साल की अवधि के लिए वैध माना जाएगा।