आपने ऑफिस में लगे वे प्रिंटर तो जरूर देखे होंगे, जिनसे रोजाना दस्तावेज छपते हैं। हालांकि, कुछ ऐसे प्रिंटर भी हैं, जिनसे पूरा का पूरा ऑफिस तैयार किया जा सकता है। दुबई में कुछ कर्मचारियों का एक छोटे सा दल जल्द ही ऐसे ही एक नए ऑफिस में शिफ्ट होने वाला है। इसे दुनिया की पहली इस्तेमाल में आने वाली इमारत बताया जा रहा है, जिसे थ्री डी प्रिंटर टेक्नोलॉजी के जरिए तैयार किया गया। दुबई के शासक ने बिना किसी शोरशराबे के इस इमारत का उद्घाटन बीते हफ्ते कर दिया। यह जगह प्रस्तावित ‘म्यूजियम ऑफ द फ्यूचर’ से ज्यादा दूर नहीं है, जिसे 2018 में शुरू होना है।
इस प्रोजेक्ट के पीछे सऊदी शासन की पहल दुबई फ्यूचर फाउंडेशन का हाथ है। फाउंडेशन के सीईओ सैफ अल-अलीली ने बताया कि इस ऑफिस को पर्त दर पर्त 17 दिन में प्रिंट किया गया। इसमें कुल 1 लाख 40 हजार डॉलर (करीब 94 लाख रुपए) का खर्च आया। अन्य खासियत की बात करें तो इस इमारत के बाहर पेड़ों की छांव वाला डेक है। इसके अलावा, इसमें एलईडी लाइट्स लगी हैं, जो बाहर की रोशनी के हिसाब से एडजस्ट हो जाती हैं। 29 साल के अल-अलीली से पूछा गया कि इमारत को थ्री डी प्रिंटिंग से तैयार करने की वजह क्या है, उन्होंने जवाब दिया, ‘क्योंकि इसमें कम लागत और वक्त के अलावा प्रभावी कार्यकुशलता नजर आती है। वास्तव में हम मानते हैं कि यह तकनीक न केवल इमारतों के निर्माण के क्षेत्र में, बल्कि मेडिकल और अन्य सेक्टरों में भी क्रांति ला देगी।’
थ्री डी प्रिंटिंग के जरिए जिन प्रोडक्ट्स को तैयार किया जाता है, पहले उनका डिजाइन कम्प्यूटर पर तैयार होता है। इसके बाद, कई तरह के मटीरियल का इस्तेमाल करके उनकी छपाई की जाती है। मटीरियल में मेटल, प्लास्टिक से लेकर कंक्रीट तक शामिल है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जैसे-जैसे तकनीक विकसित होते जाएगी, वैसे-वैसे इसके इस्तेमाल में इजाफा होता जाएगा। यूरोप की मशहूर एविएशन कंपनी एयरबस ने हाल ही में बेहद हल्का इलेक्ट्रिक प्रिंटेड मोटरसाइकिल पेश किया। इसे तैयार करने में एल्युमिनियम मिश्रित धातु के कणों का इस्तेमाल किया गया। वहीं, अमेरिकी राज्य विसकॉन्सिन के एक स्कूल टीचर ने हाल ही में एक बत्तख के लिए कृत्रिम पैर तैयार किया। थ्री डी तकनीक निर्माण से जुड़े अन्य प्रोजेक्ट्स में भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं। हालांकि, फाउंडेशन का कहना है कि दुबई का ऑफिस ‘पहला पूरी तरह से फंक्शनल थ्री डी प्रिंटेड बिल्डिंग’ है, जिसका रोजाना इस्तेमाल किया जाता है।
फाउंडेशन के मुताबिक, चीन की कंपनी विनसुन ग्लोबल ने इसे बनाने में 20 फीट ऊंचे प्रिंटर का इस्तेमाल किया। इस प्रिंटर से सीमेंट और अन्य मटीरियल निकलता था, जिससे दुबई के ऑफिस के लिए 17 बिल्डिंग मॉड्यूल तैयार किए गए। इन टुकड़ों को फिर चीन से दुबई लाया गया। यहां मजदूरों ने दो दिन में इसे जोड़ा। इंटीरियर और बाकी के कामों को पूरा करने में तीन महीने और लगे। फाउंडेशन की योजना है कि 2030 तक करीब एक चौथाई इमारतों को तैयार करने में 3डी प्रिंटिंग का इस्तेमाल किया जाए। अल-अलीली ने भविष्यवाणी के अंदाज में कहा, ‘मुझे हैरानी नहीं होगी अगर आने वाले 20 सालों में सड़कों के किनारे पूरे के पूरे शहर 3 डी प्रिंटिंग से बनाए हुए हों।’