व्हाट्सऐप को टक्कर देने के इरादे से लॉन्च हुआ Zoho Arattai पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में बना हुआ है। अब X (Twitter) पर ज़ोहो के मेसैजिंग ऐप में डेटा प्राइवेसी को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। Arattai के फाउंडर श्रीधर वेम्बू (Sridhar Vembu) ने अब यूजर्स से अपील की है वे वे एंड-टू-एंड (E2E) एन्क्रिप्शन जैसे पूर्ण तकनीकी सुरक्षा उपायों का इंतज़ार करने के बजाय कंपनी के ‘ट्रस्ट मॉडल’ (Trust Model) पर भरोसा करें।
यह विवाद तब भड़क उठा जब तकनीकी जानकार कमेंटेटर @tamilravi ने श्रीधर वेम्बू को ऐप में संवेदनशील निजी बातचीत के प्रबंधन को लेकर चुनौती दी। वेम्बू के पहले पोस्ट में तीन प्राइवेसी सिनेरियो- “सीक्रेट लवर्स”, एड-टारगेटेड डेटा के गलत इस्तेमाल और “सीक्रेट रेबेल्स” जो सरकारों के खिलाफ साजिश रच रहे हैं, इस पर चर्चा की गई थी। रवि ने इसके जवाब में एक सीधा सवाल पूछा, जिस पर वेम्बू की प्रतिक्रिया को काफी आलोचना मिली। कुछ लोगों ने Arattai की लोकप्रियता को इसकी राष्ट्रवादी ब्रांडिंग से जोड़कर देखा।
क्या Arattai पर शेयर कर सकते हैं इन्टिमेंट कॉन्टेन्ट?
रवि ने वेम्बू से सवाल पूछा, “सीक्रेट लवर्स को भूल जाइए। क्या पति और पत्नी अपने बीच अंतरंग तस्वीरें शेयर कर सकते हैं? ज़ोहो में कौन-कौन लोग इन तस्वीरों को एक्सेस कर सकते हैं? कृपया सीधे-सीधे जवाब दें।”
इसके तुरंत बाद दार्शनिक स्टाइल में वेम्बू ने जवाब दिया, “मैंने यह स्पष्ट रूप से कहा है। हमारा पूरा SaaS बिजनेस इस भरोसे पर आधारित है कि हम ग्राहक डेटा को एक्सेस नहीं करते और इस डेटा को, उनके लिए कुछ बेचने में इस्तेमाल नहीं करते। एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन एक टेक्निकल फीचर है और यह जल्द आने वाला है। भरोसा बहुत कीमती है और हम ग्लोबल मार्केट में हर दिन उस भरोसे को अर्जित कर रहे हैं। हम हर जगह अपने उत्पाद के हर यूजर्स के उस भरोसे को पूरा करना जारी रखेंगे।”
Arattai ने Apple ऐप स्टोर में सबको छोड़ा पीछे, जानिए इसकी खासियत और फीचर्स
इस पोस्ट ने जल्द ही बहुत सारे लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा और कई सारे लोगों ने प्राइवेसी का खतरा भी बताया। कुछ घंटे बाद, रवि ने बातचीत का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए वेम्बू के जवाब को संक्षेप में “Trust me, bro!” की तरह हल्के-फुल्के अंदाज में पेश किया। एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (E2EE) को हल्के में लेने के लिए वेम्बू को तीखी आलोचना झेलनी पड़ी। इस पर रवि ने लिखा, “Arattai कल ही लॉन्च नहीं हुआ। इसे चार साल पहले लॉन्च किया गया था। फिर भी इसमें अब तक एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन क्यों नहीं है?”
इसके बाद प्रतिक्रियाओं की झड़ी लग गई, जिसमें कई यूजर्स ने ज़ोहो पर मजबूत सुरक्षा के बजाय राष्ट्रवादी ब्रांडिंग को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया। एक कमेंट में लिखा गया, “अगर उन्होंने E2EE लागू भी कर दिया तो मैं इन पर भरोसा नहीं करूंगा, खासकर जब ये ऐसे लोगों से जुड़े हैं जिनके स्कैंडल सामने आए हैं।”
दूसरी ओर, कुछ लोगों ने वेम्बू का बचाव करते हुए कहा कि WhatsApp ने भी अपने लॉन्च के कई साल बाद 2016 में ही E2EE लागू किया था। इसलिए Arattai को भी समय देना स्वाभाविक है। कुछ ने Arattai की एड-फ्री और डेटा-सॉवरिन नीति की तुलना Meta के WhatsApp से करते हुए इसकी सराहना की।
क्या टेक्स्ट मेसैज के लिए Arattao में आ रहा है एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन?
बाद में श्रीधर वेम्बू ने स्पष्ट किया कि Arattai व्यक्तिगत मामलों जैसे “सीक्रेट लवर्स” (legitimate couples) के लिए प्राइवेसी सुनिश्चित करता है, लेकिन यह कानूनी जिम्मेदारियों से यूजर्स को सुरक्षित नहीं रख सकता, जैसे कि सरकारी समन या “रेबल” गतिविधियों से जुड़े मामले।
वेम्बू ने लिखा, “रेबल्स Arattai पर सीक्रेट लवर्स की तरह बातचीत कर सकते हैं, लेकिन कोर्ट से सुरक्षित नहीं रह सकते।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि WhatsApp और अन्य प्रतिस्पर्धियों की तुलना में, Arattai एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन होने के बावजूद राष्ट्रीय कानूनों के अनुपालन में रहेगा।
हालांकि वेंबू ने यह नहीं बताया कि Zoho कैसे सरकारी समनों के लिए जगह बनाएगा जबकि E2E एन्क्रिप्शन लागू रहेगा। उन्होंने पुष्टि करते हुए कहा कि एन्क्रिप्शन तकनीक जल्द ही लॉन्च होने वाली है। सुरक्षा बढ़ाने के लिए Arattai में चैट के लिए क्लाउड स्टोरेज को बंद कर दिया जाएगा।
क्या E2E एन्क्रिप्शन के साथ Arattai सुरक्षित रहेगा?
सोशल मीडिया पर चल रहा यह विवाद और Arattai की एन्क्रिप्शन सुरक्षा को लेकर कई अन्य बहसें भारत की टेक इकोसिस्टम में व्यापक तनाव को उजागर करती हैं, जहां देशी ऐप्स को इनोवेशन और यूजर्स के अधिकारों के संतुलन के लिए कड़ी निगरानी का सामना करना पड़ता है।
Arattai को 2021 में लॉन्च किया गया था। उस समय WhatsApp की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर हंगामा मचा हुआ था, जिसने लाखों यूजर्स को Signal जैसे विकल्पों की ओर मोड़ा। Zoho द्वारा विकसित यह ऐप खुद को तमिलनाडु आधारित ग्लोबल दिग्गजों का प्रतिद्वंदी के रूप में पेश करता है।
हालांकि Arattai अपने एड-फ्री बिजनेस मॉडल और डेटा लोकलाइजेशन को लेकर 18 मिलियन यूजर्स के लिए कई दावे करते हैं। आलोचकों का मानना है कि E2E एन्क्रिप्शन की कमी इसके सुपरिरियरिटी के दावों को कमजोर करती है।