दिल्ली पुलिस ने चार दिन पहले साइबर क्राइम को रिपोर्ट करने के लिए एक नया सिस्टम लॉन्च किया था। इस ऑटोमैटिक नए e-FIRs सिस्टम के तहत अब तक 1 लाख रुपये और इससे ज्यादा के साइबर फ्रॉड के 90 से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि वित्तीय धोखाधड़ी (financial fraud) से जुड़े मामलों की ई-एफआईआर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 1 नवंबर से सभी थानों में शुरू की गई है। पहले, केवल 10 लाख रुपये या उससे ज्यदा की ठगी वाले मामलों को ही ऑटोमैटिक ई-एफआईआर के रूप में दर्ज किया जाता था।

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अधिकारी ने बताया, “पिछले चार दिनों में करीब 90 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें से ज्यादातर मामले क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर धोखाधड़ी, फर्जी लोन ऑफर करने, या ठगी वाले इन्वेस्टमेंट स्कीम्स से जुड़े हुए हैं।”

इन एफआईआर को संबंधित जिलों के साइबर पुलिस थानों में ट्रांसफर किया जा रहा है जहां स्थानीय पुलिस स्टेशन के अधिकारी भी जांच में शामिल होंगे। पिछले सप्ताह पुलिस ने घोषणा की थी कि 1 नवंबर से लागू नियमों के तहत अब 1 लाख रुपये या उससे अधिक की साइबर वित्तीय ठगी से जुड़ी हर शिकायत पर ई-एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य होगा। इससे पहले, e-FIR को केवल 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा की ठगी के मामलों में ही दर्ज की जाती थी।

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शिकायतकर्ताओं को अब नेशनल साइबर हेल्पलाइन (1930) पर कॉल करने की जरूरत नहीं होगी। हर थाने में एक इंटीग्रेटेड हेल्पडेस्क होगी जो यह सुनिश्चित करेगी कि सभी मामलों को तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज किया जाए।

दिल्ली पुलिस ने अपने बयान में कहा, “1 नवंबर से शिकायतकर्ता किसी भी पुलिस थाने में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इंटीग्रेटेड हेल्प डेस्क का स्टाफ अगर धोखाधड़ी की रकम 1 लाख रुपये से ज्यादा है तो तुरंत e-FIR दर्ज करेगा। ये e-FIRs अपने-अपने क्षेत्राधिकार के साइबर पुलिस स्टेशन, क्राइम ब्रांच और IFSO (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस) द्वारा उसी तरह जांची जाएंगी जैसे सामान्य FIR की जाती है।”