ISRO Chandrayaan 3 Mission LVM3-M4 Launch: भारत का महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च होने के लिए तैयार है। Indian Space Research Organisation (ISRO) का यह दूसरा प्रयास है और लूनर सर्फेस पर सॉफ्ट लैंडिंग के सफल होने की उम्मीद इस बार की जा रही है। इस मिशन को आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर (Satish Dhawan Space Centre) से लॉन्च किया जा रहा है। Chandrayaan-3 को लेकर भारत को लेकर काफी उम्मीदें हैं। अगर आप भारत के इस तीसरे लूनर मिशन के बारे में एक क्लिक पर सब कुछ जानना चाहते हैं तो जानें सभी जरूरी सवालों के जवाब…

चांद तक पहुंचने में कितना समय लेगा चंद्रयान-3? (How many days will it take Chandrayaan-3 to reach the Moon?)

जवाब- चंद्रयान-3 मिशन को एक लंबी दूरी तय करनी है। स्पेसक्राफ्ट द्वारा ले जाए जा रहे लैंडर द्वारा 23 या 24 अगस्त तक चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है। एक स्पेसिफि लोकेशन पर पहुंचने के बाद लैंडर चन्द्रमा के साउथ पोल रीजन की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग शुरू कर देगा। चंद्रयान-2 की तरह ही चंद्रयान-3 भी जुलाई में लॉन्च किया जा रहा है क्योंकि इस समय पृथ्वी और चन्द्रमा एक-दूसरे के सबसे करीब होते हैं।

चंद्रयान-3 का बजट क्या है? (What is the budget of Chandrayaan-3?)

जवाब- ISRO के मुताबिक, चंद्रयान-3 को तैयार करने में करीब 615 करोड़ रुपये लगे हैं। जनवरी 2020 में ISRO के चेयरमैन के सिवान ने कहा था कि मिशन में लैंडर रोवर और propulsion module (प्रोपल्शन मॉड्यूल) की कीमत करीब 250 करोड़ रुपये है जबकि लॉन्च सर्विस और दूसरे खर्चो का बजट 365 करोड़ रुपये है।

सवाल- भारत के लिए महत्वपूर्ण क्यों है चंद्रयान-3? (Why is Chandrayaan-3 important for India?)

जवाब- महत्वाकांक्षी चंद्रयान-3 लॉन्च इस साल के सबसे बहु-प्रतीक्षित इवेंट में से एख है। इस लॉन्च के साथ भारत को उम्मीद है कि वह अमेरिका, सोवियत यूनियन और चीन के बाद चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। 2019 में चंद्रयान-2 मिशन फेल होने के बाद यह भारत का दूसरा प्रयास है। अगर चंद्रयान-3 सफल होता है तो भारत के लिए यह एक बड़ी उपलब्ध होगी और चांद के साउथ पोल पर लैंड होने वाला यह दुनिया का पहला मिशन बन जाएगा। अब तक मानव ने साउथ पोल तक अपनी पहुंच नहीं बनाई है। अगर यह मिशन सफल रहता है तो भविष्य में दूसरे मिशन के लिए, यह नई टेक्नोलॉजी लागू करने के लिए एक उदाहरण बन जाएगा।

सवाल- चंद्रयान-3 के क्या हैं फायदे? ( What are the benefits of Chandrayaan-3?)

जवाब– ISRO के मुताबिक, चंद्रयान-3 मिशन के तीन बड़े उद्देश्य हैं- चांद की सतह पर सेफ और सॉफ्ट लैंडिंग, चांद पर रोवर ऑपरेशन को स्थापित करना और लूनर सर्फेस पर मौजूद रासायनिक और भौगोलिक परीक्षण। अभी तक इस तरह के मिशन में कुछ चंद देश ही कामयाब रहे हैं, इसलिए चंद्रयान-3 की सफलता से भारत की टेक्नोलॉजिकल पावर भी दुनिया के सामने आएगी। कुल मिलाक, मून आइस के सैंपल का परीक्षण करने वाला यह अपनी तरह का पहला मिशन होगा।

सवाल- क्या ‘मानव मिशन’ है चंद्रयान-3? (Is Chandrayaan-3 a manned mission?)

जवाब– चंद्रयान-3 एक मानवरहित मिशन (unmanned mission) है। और इसका उद्देश्य चांद की सतह पर सॉफ्ट और सेफ लैंडिंग करने का है। यह भारत का तीसरा मानवरहित मिशन है। चंद्रयान-2 में जहां एक लैंडर और रोवर- विक्रम और प्रज्ञान भेजे गए थे। जबकि चंद्रयान-3 एक चांद के ऊपर मंडरा रहे ऑर्बिटल का इस्तेमाल करेगा जिसे चंद्रयान-2 के साथ लॉन्च किया गया था ताकि कम्युनिकेशन और दूसरे सपोर्ट लिए जा सकें।