Car AC Cooling: भीषण गर्मी के मौसम में बिना AC या कम कूलिंग वाली एसी कार ड्राइव करना एक मुश्किल काम है। ना केवल कार एसी, गर्मी में केबिन को ठंडा रखते हैं बल्कि सर्दियों में जरूरत पड़ने पर यह केबिन को गर्म भी रख सकता है। लेकिन क्या आपको पता है कि कार एसी आखिर काम कैसे करता है और इसकी टन क्षमता कितनी होती है? आज हम आपको बता रहे हैं एसी में ‘टन’का मतलब और कार एसी की टन क्षमता व कूलिंग के बारे में…

AC में ‘टन’ शब्द का क्या होता है मतलब?

बता दें कि AC में ‘टन (tons)’ का मतलब कूलिंग क्षमता से होता है। यह मूल रूप से ऊर्जा की वह मात्रा है जो 24 घंटे में 2204 पाउंड बर्फ पिघलाने में लगती है, जो कि 1 टन है। 1 टन लगभग 12,000 BTU (British Thermal Unit) है। घरेलू एसी की तरह कार एसी की भी एक निश्चित टन क्षमता होती है।

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कार एसी की टन क्षमता (Ton capacity of car AC)

टन, व्हीकल के साइज़ और उसके एसी सिस्टम के आधार पर अलग-अलग होता है। हम आपको बता रहे हैं कुछ सामान्य कारों के एसी की टन भार क्षमता के बारे में…

हैचबैक और सेडान: आमतौर पर इन कारों में 1 टन से 1.2 टन क्षमता वाले AC का इस्तेमाल किया जाता है।

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कॉम्पैक्ट SUV: इन कार में एसी क्षमता 1.3 से 1.4 टन के आसपास रहती है।

बड़ी SUVs और MPVs: डुअल कूलिंग पॉइन्ट्स के चलत इन गाड़ियों में एसी क्षमता 1.4 से 1.5 टन के बीच रहती है।

इस क्षमता के आधार पर ही AC फटाफट कार के केबिन के तापमान को कम कर बेहतर कूलिंग देता है।

कार AC काम कैसे करता है?

कूलिंग मोड (Cooling Mode)

कंप्रेसर: यह रेफ्रिजरेंट गैस को हाई प्रेशर में कंप्रेस करता है।

कंडेन्सर: गर्म गैस कंडेन्सर में जाती है और ठंडी होकर लिक्विड बन जाती है।

एक्सपेंशन वैल्यू: लिक्विड रेफ्रिजरेंट यहां से गुजरता है, अपना दबाव कम करता है और इवेपोरेटर की ओर बढ़ता है।

इवेपोरेटर: यहां रेफ्रिजरेंट, इवेपोरेट हो जाता है और केबिन की गर्मी को एब्जोर्ब कर लेता है, जिससे केबिन ठंडा हो जाता है।

हीटिंग मोड (Heating mode)

इंजन हीट यूटिलाइज़ेशन: इंजन हीट को कूलेंट पर ट्रांसफर किया जाता है।

हीटर कोर (Heater Core): हीट कूलेंट, हीटर कोर में प्रवाहित होता है।

इसके बाद केबिन में गर्म हवा मिलती है और तापमान बढ़ता है।

आपको बता दें कि कार एसी टेक्नोलॉजी बेस्ड है लेकिन यह एक इफेक्टिव सिस्टम है। इसमें मल्टीपल कंपोनेंट काम करते हैं, जिनमें कंप्रेसर, कन्डेंसर और ईवैपोरेटर शामिल हैं। अगर आपको कार की टन क्षमता और इसके काम करने के तरीके के बारे में पता रहेगा तो आप केबिन कूलिंग को बेहतर तरीके से कंट्रोल कर सकेंगे। अगर आप इस गर्मी में किसी तरह की परेशानी नहीं झेलना चाहते तो एसी इस्तेमाल करते सावधान और सतर्क रहें।