GST में बड़ा बदलाव: जीएसटी काउंसिल ने दिल्ली में हुई अपनी 56वीं बैठक में बड़ा फैसला लिया। सरकार ने अब कैसीनो, रेस क्लब, लॉटरी, सट्टेबाज़ी और ऑनलाइन मनी गेमिंग पर टैक्स बढ़ा दिया गया है। पहले इन पर 28% टैक्स लगता था (इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के साथ), लेकिन अब इसे बढ़ाकर 40% कर दिया गया है। इससे ये गतिविधियां GST स्ट्रक्चर में सिन एंड गुड्स मानी जाएंगी।

काउंसिल की इस फैसले में कैसीनो, रेस क्लब और IPL जैसे खेल आयोजनों में एंट्री टिकट, साथ ही सट्टेबाजों के लाइसेंस के लिए दी जाने वाली सर्विसेज भी शामिल हैं। काउंसिल ने साफ किया है कि सट्टेबाजी, जुआ, घुड़दौड़, लॉटरी, कैसीनो और ऑनलाइन मनी गेमिंग जैसी चीजों को अब GST कानून में गुड्स माना जाएगा।

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मनोरंजन के लिए खेले जाने वाले खेलों पर घटाया टैक्स

सरकार ने घरेलू और मनोरंजन के लिए खेले जाने वाले खेलों पर टैक्स घटा दिया गया है। जैसे ताश, शतरंज, कैरम और लूडो पर GST की दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है। सरकार ने कहा है कि यह फर्क इसलिए किया है ताकि यह साफ दिखे कि सामान्य सोशल गेम्स और ऑनलाइन मनी गेमिंग अलग-अलग हैं।

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कैटेगिरीपहले की जीएसटी दरसंशोधित जीएसटी दर
कैसीनोआईटीसी के साथ 28%आईटीसी के साथ 40%
कैसीनो चिप्स की खरीदआईटीसी के साथ 28%आईटीसी के साथ 40%
घुड़दौड़ (रेस क्लब, सट्टेबाजों सहित)आईटीसी के साथ 28%आईटीसी के साथ 40%
ऑनलाइन मनी गेमिंगआईटीसी के साथ 28%आईटीसी के साथ 40%
बैटिंगआईटीसी के साथ 28%आईटीसी के साथ 40%
जुआआईटीसी के साथ 28%आईटीसी के साथ 40%
लॉटरी (लॉटरी टिकटों की खरीद)आईटीसी के साथ 28%आईटीसी के साथ 40%
ताश / शतरंज / कैरम / लूडो (फिजिकल बोर्ड गेम)12%5%

ऑनलाइन गेमिंग पर अक्टूबर 2023 में लगाया गया था 28% जीएसटी

ऑनलाइन गेमिंग पर सरकार ने अक्टूबर 2023 में 28% GST लगाया गया था। ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने उस वक्त इसका काफी कड़ा विरोध किया था। कंपनियों की तरफ से कहा गया था कि इससे उनका कारोबार मुश्किल हो जाएगा। अब 40 फीसदी का टैक्स का नया नियम दिखाता है कि सरकार जुआ और सट्टेबाजी को पाप वस्तुओं की तरह ही मान रही है।

हाल ही लगाया था रियल-मनी गेम्स पर बैन

संसद ने पिछले महीने ऑनलाइन मनी गेमिंग पर रोक लगाने वाला कानून पास किया था, जिसकी कारण कई ऑपरेटर भारत में अपना कामकाज पहले ही बंद कर चुके हैं। हालांकि, इस कानून में ईस्पोर्ट्स और मनोरंजन के लिए खेले जाने वाले सोशल गेम्स को मान्यता दी गई है। अब जब कानून और टैक्स, दोनों ही एक लाइन पर आ गए हैं, तो कैसीनो, रेस क्लब, लॉटरी डिस्ट्रीब्यूटर और ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर बड़ा बोझ पड़ने वाला है।