भारत में आज से Apple Watch यूजर्स को एक नया फीचर मिल गया है। जी हां, आज यानी 4 दिसंबर 2025 से ऐप्पल वॉच में यूजर्स को एक नए हाइपरटेंशन नोटिफिकेशन फीचर (hypertension notifications feature) का एक्सेस मिल गया है। यह फीचर क्रॉनिक हाई ब्लड प्रेशर के संकेत मिलने पर उन्हें अलर्ट कर सकता है। यह फीचर 30 दिनों की अवधि के दौरान वॉच के ऑप्टिकल हार्ट रेट सेंसर से मिलने वाले PPG (photoplethysmography-फोटोप्लेथिस्मोग्राफी) डेटा का विश्लेषण करने के लिए एक मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का इस्तेमाल करता है।
यह फीचर खास तौर पर ऐसे यूजर्स के लिए बनाया गया है जिनमें हाइपरटेंशन का पता नहीं चला है। खास बात है कि Apple Watch सीधे ब्लड प्रेशर नहीं मापेगी और न ही वॉच फेस पर कोई रीडिंग दिखाएगी।
ऐप्पल में कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एडम फिलिप्स ने इस हाइपरटेंशन फीचर को डिवेलप करने में मदद की है। indianexpress.com से इस बारे में बात करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि इस फीचर को भी स्वास्थ्य से जुड़े कंपनी के तीन मुख्य सिद्धांतों पर बना है। उन्होंने बताया, ‘पहली बात है कि हमारे फीचर्स पूरी तरह विज्ञान पर आधारित हैं। इसका मतलब है कि हम उन्हें डिवेलप करते हैं और सबसे कड़े वैज्ञानिक स्टैंडर्ड्स के साथ क्लिनिकली वैलिडेट करते हैं। ये फीचर्स बहुत काम आते हैं- जब हम कोई नोटिफिकेशन भेजते हैं तो हमारा मकसद सही एक्शन के साथ सही शख्स तक सही समय पर पहुंचना होता है। और हम हर चीज में प्राइवेसी का सबसे ज्यादा ध्यान रखते हैं।’
डॉक्टर फिलिप्स ने जानकारी दी कि हाइपरटेंशन लोगों में एक बड़ी समस्या है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐप्पल चाहती थी कि ‘लोगों के लिए यह फीचर वाकई बेहतर ढंग से काम करे।’ क्यूपर्टिनो की इस कंपनी ने इस फीचर को डिवेलप करने के लिए 100,000 से ज्यादा भागीदारों से डेटा कलेक्ट किया और उम्मीद है कि पहले साल 10 लाख से ज्यादा लोग इसका इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने आगे कहा, “हमने इस फीचर को 30 दिनों तक 2,229 वयस्कों पर एक क्लिनिकल वैलिडेशन स्टडी में क्लिनिकली वैलिडेट किया और हम इसके नतीजों से वाकई बहुत खुश हैं।”
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कंपनी द्वारा भेजे जा रहे नोटिफिकेशंस में 22 साल से ज्यादा उम्र वाले वो लोग शामिल हैं जिन्हें पहले कभी हाइपरटेंशन की समस्या नहीं हुई है और जो प्रेगनेंट नहीं है। Watch या Health ऐप के जरिए एक बार सेटअप करने के बाद यह फीचर बैकग्राउंड में ऑटोमैटिकली चलता रहता है। अगर आपको पहले ही हाइपरटेंशन की समस्या डायग्नोज हो चुकी है तो यह फीचर एक्टिवेट नहीं होगा। हालांकि, आप तब भी ब्लड प्रेशर रीडिंग्स को मैनुअली पढ़ सकते हैं। यह फीचर Apple Watch Series 9, 10, 11, Ultra 2 और Ultra 3 में सपोर्ट करता है। और मेडिकल कंसल्टेशन के लिए ईमेल, मैसेज, व व्हाट्सऐप के जरिए जेनरेट होने वाली रिपोर्ट्स को शेयर किया जा सकता है। अगर आपको हाइपरटेंशन की नोटिफिकेशन मिलती है तो ऐप्पल का सुझाव है कि थर्ड-पार्टी ब्लड प्रेशर कफ के जरिए सात दिनों तक अपना ब्लड प्रेशर मॉनिटर करें।
ऐप्पल ने बताया कि क्लिनिकल वैलिडेशन में यह फीचर हाइपरटेंशन वाले लोगों की सही पहचान में 41.2% सेंसिटिविटी और बिना हाइपरटेंशन वाले लोगों की पहचान में 92.3% स्पेसिफिसिटी हासिल करता है। यह परफॉर्मेंस क्लिनिकल BP कफ्स के बराबर है जो आमतौर पर लगभग 50% सेंसिटिविटी और 90% स्पेसिफिसिटी दिखाते हैं।
डॉक्टर फिलिप्स ने बताया, ‘अगर हम हाइपरटेंशन की समस्या को देखें तो दुनियाभर में फिलहाल 1.3 अरब लोग इससे प्रभावित हैं और करीब 50 प्रतिशत में अभी इसका पता नहीं लगाया जा सका है। सबसे बड़ा प्रभाव जो हम डाल सकते हैं- वह यह है कि इस बड़ी अनडायग्नोज़्ड आबादी को एक ऐसा अलर्ट मिले जो उन्हें डायग्नोसिस और ब्लड प्रेशर जांच के लिए प्रेरित करे, ताकि आगे चलकर होने वाली मुश्किलों को रोका जा सके।’ उन्होंने बताया कि हाइपरटेंशन दिल के दौरे, स्ट्रोक और किडनी की बीमारी के लिए सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या स्ट्रेस के दौरान या कुछ दवाएं लेने के समय वॉच फॉल्स पॉज़िटिव पैदा कर सकती है तो डॉ. फिलिप्स ने स्पष्ट किया, “क्योंकि हाइपरटेंशन एक लॉन्ग-टर्म क्रॉनिक बीमारी है, इसलिए हमने इस फीचर को उसी क्रॉनिक कंडीशन का पता लगाने के लिए डिजाइन किया है। अगर आप बहुत ज्यादा तनाव में हैं या आपने हाल ही में कोई दवा शुरू की है, तो ऐसी स्थिति- जिसमें आपका ब्लड प्रेशर सिर्फ अस्थायी रूप से बढ़ेगा तो उससे अलर्ट ट्रिगर नहीं होगा।”
सेंसिटिविटी (संवेदनशीलता) और स्पेसिफिसिटी (विशिष्टता) के बीच संतुलन के बारे में उन्होंने कहा कि प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना था कि “हम लोगों को गलत तरीके से यह न बताएं कि उन्हें यह बीमारी है।” उन्होंने आगे कहा, “भले ही हम हर व्यक्ति में हाइपरटेंशन का पता न लगा पाएं लेकिन जब हम नोटिफिकेशन भेजते हैं, तो हमें उसके सटीक होने पर बहुत अधिक भरोसा होता है। अगर आपको नोटिफिकेशन मिलता है तो संभावना है कि आपको हाइपरटेंशन है। हालांकि, नोटिफिकेशन न मिलने का मतलब यह नहीं कि आपको हाइपरटेंशन नहीं है।”
