आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टेक्नोलॉजी के तरीके को बदल रही है। जाने-माने AI कारोबारी और Meta में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले एलेक्जेंडर वैंग ने युवाओं को करियर से जुड़ी जरूरी सलाह दी है। उनका मानना है कि टीनएजर्स को कोडिंग का नया और आसान तरीका ‘vibe coding’ सीखना शुरू करना चाहिए। उनके अनुसार, यह तरीका युवाओं को तकनीक को बेहतर समझने में मदद कर सकता है और भविष्य में उनके करियर के लिए तैयार कर सकता है।
Vibe Coding क्या है?
आपको बता दें कि Vibe Coding ट्रेडिशनल कोडिंग से अलग होती है। लंबी कोडिंग लाइनें लिखने के बजाय, लोग आसान भाषा में बताते हैं कि वे क्या बनाना चाहते हैं। फिर एआई टूल्स कोड बनाने में मदद करते हैं। यह कोडिंग को कम मुश्किल और ज्यादा क्रिएटिव बनाता है। खासकर उन लोगों के लिए जो कोडिंग सीखना शुरू कर रहे हैं।
वाइब कोडिंग के जरिए टीनएजर्स अपने आइडियाज को रियल प्रोजेक्ट्स में बदल सकते हैं। उन्हें कठिन नियमों को याद करने की जरूरत नहीं रहती। वे चीजों को आज़मा कर और देख कर सीखते हैं कि क्या काम करता है।
क्यों करनी चाहिए जल्दी शुरुआत?
एलेक्जेंडर वैंग का मानना है कि युवा अवस्था में सीखना बहुत महत्वपूर्ण है। वह आज के AI टूल्स की तुलना कंप्यूटर के शुरुआती दिनों से करते हैं जब जिज्ञासु किशोर अपने आप घंटों प्रयोग करते और सीखते थे। उन शुरुआती सीखने वालों में से कई बाद में सफल टेक लीडर्स बने।
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वे कहते हैं कि AI टूल्स का ज्यादा समय तक इसतेमाल करने से किशोरों को यह समझने में मदद करता है कि टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है। इस तरीके से सीखना केवल किताबें पढ़ने या क्लास लेने की तुलना में ज्यादा व्यावहारिक और प्रभावी है।
सीखने का तरीका कैसे बदल रहा है?
आज टेक्नोलॉजी स्किल्स सिर्फ सही कोड लिखने तक सीमित नहीं हैं। अब इसमें यह भी शामिल है कि AI के साथ कैसे काम करें, उसे सही निर्देश दें और परिणामों को बेहतर बनाएं। Vibe Coding किशोरों को यह सब मजेदार और तनाव-मुक्त तरीके से सीखने में मदद करता है।
यह तरीका आत्मविश्वास भी बढ़ाता है। जब किशोर जल्दी परिणाम देखते हैं तो उन्हें सीखते और प्रयोग करते रहने की प्रेरणा मिलती है।
भविष्य के लिए तैयार होना
जैसे-जैसे AI रोजमर्रा की तकनीक का हिस्सा बनता जा रहा है, इसे समझदारी से इस्तेमाल करना बहुत उपयोगी होगा। Vibe Coding टीनएजर्स को टेक्नोलॉजी की दुनिया में आसान एंट्री देता है और उन्हें नए टूल्स के साथ अपडेटेड रहने में मदद करता है।
हालांकि ट्रेडिशनल कोडिंग अभी भी महत्वपूर्ण है। शुरुआती उम्र में AI के साथ काम करना सीखने से युवा छात्रों को भविष्य में बड़ा फायदा मिल सकता है।
