किब्ज आज एक आम बीमारी का रूप ले चुकी है। यह जिसको हो जाती है उसका जीवन परेशानी में गुजरने लगता है। जब किसी व्यक्ति को कब्ज बनने लग जाती है तो उसका खाना ठीक से नहीं पचता है। उसके मुंह से बदबू आने लगती है। सिर्फ कब्ज की वजह से शरीर में कई अन्य तरह की बीमारियां पैदा होनी शुरू हो जाती हैं। इसलिए किसी भी समस्या को बहुत हल्के में न लें। अमूमन यह माना जाता है कि कब्ज की समस्या बुजुर्गों को होती है, लेकिन हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है कि कब्ज की समस्या से केवल बुजुर्ग नहीं, युवा भी बड़ी तादाद में पीड़ित हैं। हाल ही में स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी एबट्ट कंपनी ने गट हेल्थ सर्वे कराया, जिसमें पाया गया है कि भारत में लगभग बाईस फीसद युवा कब्ज की समस्या से पीड़ित हैं। कोलकाता में यह आंकड़ा अट्ठाईस फीसद है।
क्या है कब्ज</strong>
एक सप्ताह में सात से बारह बार मल त्याग की प्रक्रिया सामान्य मानी जाती है। अगर यह प्रक्रिया सुचारु रूप से नहीं हो रही है, तो कब्ज की समस्या पैदा होगी। अपनी दैनिक क्रिया के विपरीत जब मल का त्याग समय पर नहीं किया जाता, तब कब्ज बनने लगती है। दरअसल, कब्ज उसे कहते हैं जब आमाशय में मल सड़ने लगता है। उसे निकालने में अधिक बल लगाना पड़ता है। कब्ज से पीड़ित व्यक्ति का मल अधिक कड़ा हो जाता है या पेट ठीक से साफ नहीं होता है। सूखे मल के पेट में जमा होने से व्यक्ति हमेशा पीड़ित रहता है। वह अपने दैनिक क्रियाकलापों को भी ठीक से नहीं कर पाता।
क्यों होती है कब्ज
1. शारीरिक गतिविधि का न होना
कहते हैं शरीर का जितना उपयोग करोगे, उतना ही वह स्वस्थ रहेगा। यानी व्यक्ति के जीवन में शारीरिक गतिविधियां जरूरी हैं। जो लोग शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहते हैं उन्हें कब्ज की अधिक समस्या होती है। शारीरिक क्रियाकलाप से हमारा चयापचय ठीक रहता है, जिससे हमारा शरीर ठीक प्रकार से काम कर पाता है। इसलिए देखा गया है कि जो लोग शारीरिक रूप से सक्रिय होते हैं उन्हें कब्ज की समस्या कम होती है।
2. डेयरी उत्पादों का न पचना
जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती जाती है उनकी पाचन शक्ति कमजोर होती जाती है। यही कारण है कि उन्हें दूध से बने उत्पाद या दूध पचता नहीं है और कब्ज बन जाती है। तो डेयरी उत्पादों का न पचना भी कब्ज का एक कारण है।
3. जीवनशैली में बदलाव
बढ़ती प्रतिस्पर्धा से लगभग सभी लोग प्रभावित हैं। इस होड़ में हमारी जीवनशैली पर भी प्रभाव पड़ रहा है। खानपान, रहन-सहन, सोना-जागना आदि का समय बदला है। इस तरह जब हमारी जैविक घड़ी बदलती है तब भी कब्ज की समस्या होती है।
4. निर्जलीकरण
पानी की कमी और पानी के बजाय ऐसे पेय पदार्थ पीना, जिसमें कैफीन अधिक होता है उनसे शरीर में निर्जलीकरण होता है। निर्जलीकरण से कब्ज बनती है। जो लोग शराब का सेवन करते हैं उन्हें भी इससे बचना चाहिए। क्योंकि शराब भी शरीर का निर्जलीकरण करती है।
5. अधिक दवाओं का प्रयोग
अधिक दवाओं का प्रयोग करने से शरीर में एक समय बाद वे दवाएं भी काम करना बंद कर देती हैं। ज्यादा दवाएं खाने से भी कब्ज की समस्या होती है।
बचाव
1. चने का सेवन
कब्ज से पीड़ित लोगों के लिए चना अधिक लाभकारी है। इसे रात में पानी में भिगो दें और सुबह इसका सेवन करें। इसे आप कच्चा या उबाल कर भी खा सकते हैं।
2. रेशायुक्त भोजन
ऐसे भोजन का सेवन करें जो रेशायुक्त हो जैसे मोटा अनाज। रेशायुक्त भोजन पचने में आसान होता है। जिससे कब्ज की समस्या नहीं होती।
3. पानी
दिन में ज्यादा से ज्यादा पानी पीने से कब्ज से छुटकारा मिलता है। ज्यादा पानी पीने से शरीर में निर्जलीकरण की समस्या खत्म होती है, जिससे कब्ज से निजात मिलती है।
4. ताजे फल और सब्जियां
हो सके तो ताजे फलों का सेवन करें। आजकल फल और हरी सब्जियां बाजार से लाकर रेफ्रिजिरेटर में सहेज कर रख दी जाती हैं। व्यक्ति अपने काम की व्यस्तता की वजह से ताजे फलों और सब्जियों का सेवन नहीं कर पाता। कोशिश करें कि फ्रिज में लंबे समय तक रखे हुए फल और सब्जियों का सेवन करने के बजाय ताजे फल और सब्जियां खाएं।
5. नींबू का रस
कब्ज से पीड़ित व्यक्ति को सुबह उठ कर नींबू का रस गरम पानी के साथ पीना चाहिए। इससे मल आसानी से निष्कासित किया जा सकेगा और कब्ज की समस्या दूर होगी।
6. योग
हलासन, पवनमुक्तासन, तितली मुद्रा आदि जैसे योग करने से भी कब्ज से निजात मिलता है। अपने जीवन में नियमित रूप से योग करने से कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है।