मानस मनोहर

आम की लौंजी
आम की लौंजी एक प्रकार की चटनी है, जो सब्जी के विकल्प के तौर भी इस्तेमाल की जा सकती है। इसे हर इलाके में अलग-अलग तरीके से बनाया जाता है, पर सब जगह इसका एक मुख्य गुण है, इसका चटपटापन और मीठापन। इसे चटनी के तौर पर भी खाया जा सकता है, अचार के तौर पर भी और परांठे वगैरह के साथ सब्जी के स्थान पर भी। आम की लौंजी बनाना बहुत आसान है। इसके लिए कच्चे और सख्त आम लें। ताजा आम मिल सकें, तो बहुत अच्छा। इनका छिलका उतार लें। फिर भीतर की गुठली निकाल कर गूदे को पतले छल्लों या छोटे टुकड़ों में काट लें। इन्हें एक कटोरे में रखें। ऊपर से एक चम्मच नमक और हल्दी डाल कर कटोरे को ढंक कर कम से कम आधे घंटे के लिए छोड़ दें। आप देखेंगे कि आम के टुकड़ों ने पानी छोड़ दिया है। उस पानी को छान कर अलग कर दें और आम के टुकड़ों को एक कपड़े पर फैला कर पंखे की हवा में आधे घंटे के लिए छोड़ दें।

अब एक कड़ाही में दो चम्मच देसी घी गरम करें। उसमें एक-एक छोटा चम्मच मेथी दाना, साबुत घनिया, जीरा, सौंफ, अजवाइन डालें। ऊपर से एक चुटकी हींग डालें और तड़का तैयार करें। तड़का तैयार होते ही उसमें कटे हुए आम डाल दें और चलाते हुए सारी चीजों को मिला लें। आंच मध्यम कर दें और कड़ाही पर ढक्कन लगा दें। आम नरम होकर पानी छोड़ने लगेगा। अब उसमें आधा छोटा चम्मच काला नमक, एक से डेढ़ छोटा चम्मच कुटी लाल मिर्च, एक चम्मच कुटी काली मिर्च डालें और इसके साथ ही आम के वजन की तीन चौथाई मात्रा में गुड़ डालें और सबको मिला कर फिर से ढक्कन लगा दें। अगर घर में गुड़ उपलब्ध न हो, तो चीनी का इस्तेमाल कर सकते हैं। गुड़ और चीनी की मात्रा आप अपनी पसंद के अनुसार कम कर सकते हैं। बहुत सारे लोग लौंजी मीठी पसंद करते हैं, इसलिए यहां तीन चौथाई मात्रा बताई गई है। जैसे ही आम और गुड़ या चीनी पिघल कर एक सार हो जाएं, आंच बंद कर दें। ऊपर से एक चम्मच चाट मसाला डालें और ठीक से मिला लें। यह लौंजी गाढ़ी बनी है। इसे शीशी में भर कर कई महीने तक रख सकते हैं। मगर इसे पतला करना चाहते हैं और रोटी या परांठे के साथ सब्जी के रूप में खाना चाहते हैं, तो इसमें चीनी या गुड़ डालने के साथ ही अपनी जरूरत के मुताबिक पानी भी डाल सकते हैं। मगर इस तरह बनी लौंजी को लंबे समय तक न रखें। पंद्रह दिन के भीतर खा लें, नहीं तो नमी पाकर इसमें फफूंद लगने का खतरा रहता है।

आम पना

आम पना एक ऐसा पेय है, जो गरमी के मौसम में हर किसी को पसंद आता है। इसका खट्टा-मीठा और चटपटा स्वाद बच्चे से लेकर हर उम्र के लोगों को भाता है। इसमें पड़ने वाली सामग्री शरीर को ठंडक देती और पाचन शक्ति को बढ़ाती है। यों आम पना बना-बनाया बाजार में उपलब्ध होता है, उसे लाइए, ठंडे पानी में घोलिए और आनंद लीजिए। मगर घर में बने आम पना का आनंद ही अलग होता है। आम पना बनाना भी बहुत आसान है। इसे बना कर बोतल में भर कर रख लीजिए और जब मन हो ठंडा पानी या सोडा डाल कर पी लीजिए। घर आए मेहमानों को भी पिलाइए। आम पना बनाने के दो तरीके हैं। एक तो यह कि पहले कच्चे आमों को उबाल कर उसका गूदा अलग कर लीजिए। फिर उसमें पुदीने की पत्तियां और नमक-चीनी, मसाले वगैरह डाल कर तैयार कर लीजिए। यों पारंपरिक तरीका यह है कि कच्चे आमों को आग में भून कर पका लिया जाए। मगर शहरी जीवन में ऐसा करना संभव नहीं है। इसके अलावा एक तरीका यह है कि पहले ही आम का छिलका और गुठली निकाल ली जाए।

फिर एक कड़ाही में एक चम्मच देसी घी गरम करें। उसमें एक चम्मच जीरा, साबुत धनिया, अजवाइन और दो से तीन चम्मच सौंफ डाल कर तड़का तैयार कर लिया जाए। फिर उसमें कटे हुए आम का गूदा छौंक दें। गूदा नरम होकर पानी छोड़ने लगे तो आम के गूदे के वजन के बराबर चीनी डालें और ढक्कन लगा कर तब तक पकने दें, जब तक कि आम पूरी तरह गल कर नरम न हो जाए। अगर घोल गाढ़ा हो रहा है, तो उसमें आधा कप पानी डाल दें। अब इस मिश्रण को ठंडा होने दें। फिर उसमें एक छोटा चम्मच कुटी काली मिर्च और एक से डेढ़ चम्मच चाट मसाला डालें। ऊपर से मुट्ठी भर पुदीने की ताजा पत्तियां भी मिला लें। अब इस मिश्रण को मिक्सर में डाल कर ठीक से पीस लें। इसे एक बोतल में भर कर रख लें और जब भी आप पना पीना हो उसमें से दो चम्मच गिलास में डालें और ऊपर से नीबू का रस, ठंडा पानी, बरफ के टुकड़े या सोडा जो पसंद हो डालें और मिला कर पीएं।