कमरों की साज-सज्जा घर की सुंदरता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती है। कमरे और बैठक में परदे, कुशन, सोफे पर चढ़े कपड़े, कालीन, लैंप शेड आदि का चयन न सिर्फ आपकी सुरुचि का परिचायक होता है, बल्कि उपयोगिता के लिहाज से भी उनका महत्त्व होता है। इसलिए घर की साज-सज्जा में सजावट के सामान का चुनाव करते समय क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, बता रही हैं सुमन बाजपेयी।
एसी कमरे की साज-सज्जा करना बहुत मेहनत का काम है, क्योंकि वह सही न हो तो कमरे का दृश्य बिगड़ सकता है। अगर साज-सज्जा सही ढंग से की गई हो, तो आंतरिक साजो-सामान एक खास अंदाज दे सकते हैं। उचित आंतरिक साजो-सामान से, जिसमें परदे, लैंप शेड्स, कुशन आदि जैसी चीजें आती हैं, आप अपने घर को आकर्षक बना सकती हैं। लचीली साज-सज्जा और उसके अनुरूप सजावट के सामान आपके घर में रंग, आभास, मुलायमियत और डिजाइन का समावेश करते हैं। साज-सज्जा की कमियों को इनसे बहुत तरीके से छिपाया जा सकता है और अगर आप चमकदार रंगों का प्रयोग करती हैं, तो कमरे में कम फर्नीचर होने पर भी वह आकर्षक लगता है।
कहां कैसा कपड़ा उपयोग करें
कमरे के मुख्य हिस्सों में जहां आंतरिक साज-सज्जा का उपयोग किया जाता है, वहां यह ध्यान रखना आावश्यक है कि जब भी वहां के लिए परदे आदि के कपड़े का चयन करती हैं तो उसका रख-रखाव करना आसान हो। वह ज्यादा महंगा न हो और उसकी धुलाई घर में कर पाना संभव हो। बाजार में घरेलू साज-सज्जा में इस्तेमाल होने वाले कपड़ों की बहुत विविधता मौजूद है, जैसे सिल्क, लिनन, कॉटन, पोलिएस्टर, नेट और इको-फेंड्रली कपड़े।
सोफे और कुर्सियों के लिए फैब्रिक थोड़ा मोटा लें। परदे, सोफे, कुशन जैसी चीजों पर इस्तेमाल के लिए सिल्क लेना ठीक नहीं रहता, क्योंकि उसके कोमल फाइबर हलके से दवाब से ही फट जाते हैं। जूट का भी प्रयोग न करें, क्योंकि कुर्सी या सोफे पर बैठते हुए वे आपको चुभेंगे और त्वचा के लिए नुकसानदेह होंगे। बड़े फर्नीचर जैसे सोफे आदि के लिए पॉली-सिल्क या पॉली-कॉटन का प्रयोग करें, क्योंकि उनका रख-रखाव करना आसान होता है और वे लंबे समय तक चलते भी हैं। आफ इसके लिए जैकार्ड, लिनन और भारी टसर का भी प्रयोग कर सकती हैं। देखने में भव्य और शानदार लगे, इसके के लिए आप सिल्क फैब्रिक के कुशंस रख सकती हैं।
दें रूमानी अंदाज
परदों के लिए पॉली-सिल्क और पॉली-साटन का प्रयोग करें, इससे उसकी चमक से साज-सज्जा का अंदाज भव्य हो जाता है। परदे के लिए कपड़े का चयन करते समय उसके वजन और ड्रेप का भी ध्यान रखें। अगर आप चुन्नटदार परदे चाहती हैं, तो भारी कपड़ा ठीक नहीं रहता, क्योंकि उससे चुन्नटें नहीं बनती हैं। बेहतर होगा कि परदे के कपड़े में लाइनिंग यानी पीछे लगने वाले अस्तर का प्रयोग करें, इससे धूप से बचाव तो होगा ही, उसकी झालरें भी ठीक आएंगी। परदे के लिए वॉयल, कॉटन, सिल्क या वुल भी अच्छा रहता है। वॉयल थोड़ा पारदर्शी होता है, इसलिए सौम्यता के साथ एक रूमानी अंदाज भी देता है। इसके साथ लेस, बीड्स, झालर या डोरियों को भी लगाया जा सकता है। बैठकखाने में जालीदार परदे या परस्पर विरोधी रंगों में सूती परदे भी अच्छे लगते हैं। बैठकखाने में परदे धारीदार या चेक वाले लगाए जा सकते हैं, पर बैठक में जितना हो सके एक ही रंग का प्रयोग करें। सेल्फ-डिजाइन वाले परदे भी अच्छे लगते हैं। बहुत ज्यादा चमक या बड़े-बड़े फ्लोरल प्रिंट के परदे कमरे के बाकी साजो-सामान को फीका कर देते हैं। आप दो परत वाले परदे भी लगा सकती हैं। यानी एक परत टिश्यू की और दूसरी किसी भारी कपड़े की। आॅरगेंजा के परदे और कुशन बहुत अच्छे लगते हैं। जूट और सिल्क के परर्दो से एक अलग ही अंदाज आता है।
सदाबहार सूती
लिनन एक ताजगी का अहसास देता है, इसलिए बैठकखाने के परदों के लिए इसका उपयोग अच्छा रहता है। सूती कपड़े का प्रयोग सोफे, कुर्सी की गद्दियों, परदों आदि के लिए किया जा सकता है। कॉटन के डिजाइन और रंगों के साथ आप मिक्स मैच भी बखूबी कर सकती हैं। आजकल आॅरगैनिक फैब्रिक, बनाना फैब्रिक का भी चलन है, लेकिन ये महंगे होते हैं। अगर आप ओरिएंटल लुक चाहती हैं तो बीड लगे परदे लगा सकती हैं। पारंपरिक अंदाज देने के लिए जैकार्ड और ब्रोकेड के परदे लगा सकती हैं, जो अनगिनत छपाई में और सादे भी मिलते हैं। एक ही रंग के परदे या उस पर उसी रंग का छोटा प्रिंट कमरे में एक सौम्यता तो पैदा करता ही है, आंखों को चुभता भी नहीं है। धारीदार या चैक कमरे में चमक पैदा करते हैं और कमरा भी बड़ा लगता है। दोनों तरफ से इस्तेमाल होने वाले और पेस्टल शेड के कपड़े हर तरह के स्टाइल के साथ मेल करते हैं।
सूती कपड़ों के साथ हर तरह के कालीन और रग्स मेल खाते हैं। सॉफ्ट फ्लोरिंग यानी कारपेट और रग्स इन दिनों बहुत चलन में हैं। कृत्रिम घास वाले कारपेट इन दिनों चलन में हैं। ये आमतौर पर हरे रंग के होते हैं, जिससे एक नैसर्गिक आभास मिलता है।
कारपेट और रग्स
कारपेट से आपके घर के लुक और स्टाइल दोनों में बहुत बदलाव आ सकता है। कमरा बड़ा हो, तो कारपेट का डिजाइन थोड़ा बड़ा हो सकता है। छोटे कमरे के लिए कारपेट का आकार और डिजाइन दोनों ही छोटे होने चाहिए। बिस्तर के साथ आप रग्स रख सकती हैं। सेंटर टेबल के नीचे या कमरे के एक हिस्से में कालीन डाल कर आप विभिन्न अंदाज में उसे सजा सकती हैं। इससे कमरा बड़ा भी लगता है।
कुशन
कुशन कमरे में एक नयापन भरते हैं और साथ ही उसकी दृश्यता में भी बढ़ोतरी करते हैं। जरूरत होती है तो अलग-अलग आकारों और रंगों को अपनी कल्पना से सही रूपरेखा प्रदान करने की। हर समय कमरे का पूरी साज-सज्जा बदलना मुमकिन नहीं होता, ऐसे में विभिन्न तरह के कपड़ों और रंगों की मदद से ही आप अपने घर की साज-सज्जा को नया रूप दे सकते हैं। सोफे या सैटी पर बहुत सारे कुशन रखे हों तो न सिर्फ वे देखने में अच्छे लगते हैं, वरन सुविधाजनक भी होते हैं। आजकल जमीन पर रखने वाले कुशनों का चलन भी बहुत बढ़ गया है।
कपड़ा चाहे परदे का हो, कुशन का या फिर सोफे का, उसका सही चयन सजावट का एक अहम हिस्सा है। पारंपरिक फर्नीचर पर पारंपरिक कपड़े ही अच्छे लगते हैं। यह जान लें कि कपड़े पर डिजाइन का आकार कमरे के आकार के अनुपात में होना चाहिए। बड़े कमरों में बड़े डिजाइन अच्छे लगते हैं। कमरे के मिजाज के अनुसार ही कपड़े के रंग यानी हलका और गहरे रंग का चयन करना चाहिए।