प्रीति प्रवीण खरे
कविता
दादा जी की सुबह
दादी चश्मा लेकर जातीं
दादा जी को चाय पिलातीं।
चश्मा लेकर पेपर पढ़ते
खबरें पढ़ कर थोड़ा रुकते।
बच्चों की भी बातें आर्इं
रोचक करके हाल सुनाई।
खेल पहेली हल बतलाते
जोक सुना कर खूब हंसाते।
शब्द-भेद
कुछ शब्द एक जैसे लगते हैं। इस तरह उन्हें लिखने में अक्सर गड़बड़ी हो जाती है। इससे बचने के लिए आइए उनके अर्थ जानते हुए उनका अंतर समझते हैं।
सुख/सूख
मनुष्य के जीवन में अनेक तरह की समस्याएं आती हैं। उन समस्याओं से संघर्ष करते हुए ही वह सुख प्राप्त करता है।
छत पर पड़े गीले कपड़े धूप से सूख गए।
जाती/जाति
बालिका स्कूल जाती है। इस वाक्य में जाती शब्द क्रिया है।
भारत विभिन्नताओं का देश है, यहां विभिन्न जाति के लोग रहते हैं।
