सुषमा सिन्हा
सफेद झूठ
तस्वीर के इस तरफ खड़ी मैं
बताती रही उसे
कि यह बिल्कुल साफ और सफेद है
तस्वीर के उस तरफ खड़ा वह
मानने से करता रहा इनकार
कहता रहा
कि यह तो है खूबसूरत रंगों से सराबोर
मूक तस्वीर अपने हालात से जड़
खामोशी से तकती रही हमें
उसे मेरी नजरों से कभी न देख पाया वह
न मैं उसकी आंखों पर
कर पाई भरोसा कभी
खड़े रहे हम
अपनी अपनी जगह
अपने अपने सच के साथ मजबूती से
यह जानते हुए भी
कि झक साफ-सफेद झूठ जैसा
नहीं होता है कहीं, कोई भी सच!

सुकून
उसने कहा-
‘अच्छा, एक बात बताओ
कितना प्यार करते हो मुझसे’
और उसकी ओर
एकटक देखने लगी
बड़े गौर से देखा उसने भी
थोड़ा मुस्कुराया
फिर अपनी उंगलियों के पोरों से
चुटकी भर का इशारा करते हुए कहा-
‘इत्तु-सा’
और ठठा कर हंस दिया
बड़े सुकून से मुस्कुराई वह
और प्यार से बोली- ‘बहुत है!’

दांव
आज फिर
एक आदमी ने जुए में
अपनी पत्नी को दांव पर लगाया
और हार गया
उसकी पत्नी को
महाभारत की कहानी से
कुछ लेना-देना नहीं था
न ही वह द्रौपदी जैसी थी
और न ही उसे किसी कृष्ण का पता था
खुद के दांव पर लगने की खबर सुन
थोड़ी देर कुछ सोचा उसने
और फिर अपने घर के बाहर
खड़ी हो गई गड़ासा लेकर।