कमर दर्द की शिकायत अब आम हो चली है। हालांकि इसके कई कारण होते हैं, लेकिन एक बड़ा कारण आधुनिक जीवन शैली भी है। महानगरों की चमक दूर से तो बहुत अच्छी लगती है लेकिन यहां की आरामपसंद जीवनशैली, शारीरिक श्रम की कमी, बैठने और सोने का गलत ढंग, दफ्तर में झुक कर काम करना, कम्प्यूटर पर देर तक काम करना और रोजाना घंटों गाड़ी चलाना या सफर करना लोगों को कमर दर्द का मरीज बना रहा है। दरअसल, लंबे समय तक ऐसी स्थिति से रीढ़ की हड््डी पर अधिक दबाव पड़ता है, जो कमर दर्द के रूप में सामने आता है। वहीं महिलाओं में लंबे समय तक ऊंची एड़ी की सैंडल पहनने से भी कमर दर्द की शिकायत रहती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ न्यूरोलॉजिकल डिसआॅर्डर ऐंड स्ट्रोक के अनुसार, लगभग अस्सी प्रतिशत वयस्क अपने जीवन में कमर दर्द का अनुभव करते हैं। पहले कमर दर्द को बुढ़ापे या औरतों का रोग माना जाता था, पर आज इसकी चपेट में किशोर और युवा भी हैं।
बिस्तर
कई बार कमर दर्द बिस्तर के नर्म होने से भी होता है। अगर आप काफी नरम गद्दे पर सोते हैं, तो यह आपके कमर दर्द का कारण बन सकता है। इसलिए इससे बचने के लिए थोड़े कठोर गद्दे पर सोने की आदत डालें।
बच्चों को बिस्तर पर लेट कर या बैठ कर पढ़ने से कमर दर्द की शिकायत हो सकती है। उन्हें पढ़ने-लिखने के लिए कुर्सी-टेबल का इस्तेमाल करना चाहिए। लेट कर टीवी या मोबाइल देखने से भी बचना चाहिए।
तनाव
तनाव को कई बीमारियों का जनक कहा जाता है। कई शोध और विशेषज्ञ भी यह मानते हैं कि अत्यधिक तनाव लेना भी कमर दर्द के कारणों में से एक है। दरअसल, तनाव मस्तिष्क के साथ-साथ तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित कर रीढ़ की हड््डी वाले स्थान पर दर्द पैदा कर सकता है।
घंटों बैठे रहना
डॉक्टरों की मानें तो कमर दर्द के अनेक कारण होते हैं। इनमें से एक प्रमुख कारण डेस्क जॉब यानी लगातार कई घंटे तक बैठ कर काम करना भी है। देश के ज्यादातर सरकारी और निजी दफ्तरों में काम के आठ से नौ घंटे के होते हैं। एक ही जगह पर लगातार घंटों बैठ कर काम करने से भी कमर दर्द की समस्या होती है। ऊपर से इन दफ्तरों की कुर्सियां भी बैठने की सही मुद्रा के हिसाब से नहीं होते। नतीजतन, लोग कमर दर्द के शिकार हो जाते हैं।
झुक कर चलना
कमर दर्द सही तरीक से खड़े नहीं रहने और चलने से भी होता है। अक्सर कई लोग खड़े या चलते समय अपने कंधे झुका कर रखते हैं, जिससे कमर दर्द की समस्या होती है।
मोटापा
संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश में मोटापे के शिकार लोगों की संख्या बढ़ी है। मोटापा भी कमर दर्द में अहम भूमिका निभाता है। ज्यादा वजन होने के कारण व्यक्ति के शरीर का सारा भार कमर और पैरों पर पड़ता है, जिसके कारण मोटे लोग अक्सर कमर दर्द की शिकायत करते हैं। शरीर में वसा का अत्यधिक जमाव कई बार मांसपेशियों में दर्द पैदा करता है, जो लगातार बना रहता है। इसलिए कमर दर्द से बचने के लिए मोटापा कम करना आवश्यक है।
कैल्शियम की कमी
शरीर में कैल्शियम और विटामिन-डी की कमी से भी कमर दर्द होता है, ऐसे में कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए दूध, पनीर, फल, हरी सब्जियों का सेवन फायदेमंद रहता है। वैसे तो विटामिन-डी की कमी को पूरा करने के लिए सूरज की रोशनी से बेहतर कुछ भी नहीं है, लेकिन डॉक्टर विटामिन-डी की दवा और सूईं लेने की सलाह देते है।
हार्मोन
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में हार्मोन के स्तर में वृद्धि से कब्ज हो जाता है और बढ़ता हुआ गर्भाशय पीठ के निचले हिस्से पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे गर्भवती महिलाओं में कमर दर्द होता है।
उपचार
’ डॉक्टरों के मुताबिक कमर दर्द का सबसे बेहतरीन उपचार है आराम।
’ बैठे हुए और खड़े रहते समय शरीर को सही मुद्रा में रखें। शरीर को सीधा और संतुलित हो, आगे या पीछे की ओर झुका हुआ न हो।
’ एक ही स्थिति में अधिक देर तक न बैठें। बहुत अधिक देर तक बैठना जरूरी हो तो थोड़ी-थोड़ी देर में उठें।
’ कमर दर्द में कसरत और योग से लाभ मिलता है। लेकिन योग या कसरत का अभ्यास विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें। कारण कि कई बार गलत ढंग से किया गया कसरत या योग कमर के दर्द को बढ़ा सकता है।
’ स्वस्थ और पौष्टिक आहार लें। इसके अलावा खानपान में हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें।
