कविताः सूरज और चिड़िया
खांस रहा है बूढ़ा बादल
आसमान के सिरहाने
लुका छिपी चला खेलने
नन्हा सूरज ना माने
रही बुलाती अम्मा कब से
अरे कलेवा कर जाओ
इंद्रधनुष की पीठ पर चढ़ कर
तुम जल्दी घर आ जाओ
कहे चहकती चिड़िया रानी
घने पेड़ की डालों पर
सुन लो तुम अम्मा की अपनी
जाओ सूरज अपने घर
एक जरा-सा खेल खेल कर
इस जंगल के बस उस पार
हाथ पकड़ कर चलना मेरा
तेज बहुत नदिया की धार
नन्हा सूरज चिड़िया के संग
आसमान में दौड़ लगाए
अंधेरों की इस दुनिया को
जगमग रौशन कर जाए!
शब्द भेद
कुछ शब्द एक जैसे लगते हैं। इस तरह उन्हें लिखने में अक्सर गड़बड़ी हो जाती है। इससे बचने के लिए आइए उनके अर्थ जानते हुए उनका अंतर समझते हैं।
अगवा / अगुआ
जब कोई किसी व्यक्ति को जबरन उठा लेता, अपहृत कर लेता है, तो उसे अगवा करना कहते हैं। जबकि जो व्यक्ति लोगों का नेतृत्व कर रहा होता है, उनका मार्गदर्शन करते हुए आगे चल रहा होता है, उसे अगुआ कहते हैं। अगुआ यानी मुखिया, नेतृत्व करने वाला।
अपेक्षा / उपेक्षा
आकांक्षा, इच्छा, अभिलाषा, चाह को अपेक्षा कहते हैं। अपेक्षा का दूसरा अर्थ उम्मीद, आवश्यकता, जरूरत भी होता है। जबकि उपेक्षा का अर्थ है अनदेखी करना, सम्मान न देना।