चुपके चुपके सर्दी आई

दबे पांव लो सर्दी आई
अब निकलेगी नर्म रजाई
पहले गर्मी फिर बारिश की
चुपके-चुपके हुई विदाई

नाक जमेगी छींक चलेगी
धूप गुनगुनी भली लगेगी
मूंगफली का राज रहेगा
आइसक्रीम की कमी खलेगी

सूरज का टाइम बदलेगा
अब कुछ देरी से निकलेगा
मम्मी के गुस्से से डरता
दिन ढलते ही घर घुस लेगा
ले कर अपनी ऊन-सलाई
धूप में खटिया बिछवाई
स्वेटर-टोपी, मफलर-मोजे
दादी ने की शुरू बुनाई
सर्दी से न यों घबराओ
बस थोड़ी सी जुगत लगाओ
रंग-बिरंगे फल-तरकारी
खा के तनदुरुस्त हो जाओ