मानस मनोहर

कच्चा आंवला खाने में भले ही लोगों को अच्छा न लगे लेकिन इससे बनाए गए तरह-तरह के व्यजंन जरूर लोगों को पसंद आते हैं। आंवला के सेवन से बालों की समस्याएं कम होती हैं या फिर खत्म हो जाती हैं। नियमित रूप से आंवले का सेवन करने से युवावस्था बनी रहती है। आंवला अक्तूबर से जनवरी तक बाजार में खूब मिलता है। ऐसे में आंवला अपने रोजाना के खाने में चटनी बनाकर, सूप या अन्य तरीके से सुरक्षित करके रख सकते हैं। आंवला किसी भी तरह से खाया जाए वह हमारे शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी है। आंवले से पाचन और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। इसका आयुर्वेद औषधि में काफी मात्रा में प्रयोग किया जाता है। आंवला में ‘विटामिन सी’ की प्रचुर मात्रा निहित है। आज के इस दाना पानी में हम बना रहे हैं आंवले से बना कैंडी और मुरब्बा।

आंवला कैंडी
आंवला कैंडी आंवले के मुरब्बे का सूखा प्रतिरूप ही है। बच्चे को आंवले का मुरब्बा खाना पसंद नहीं आता, लेकिन आंवला कैंडी बड़े मजे से खाते हैं। आंवला की कैंडी कभी भी खाई जा सकती है। कैंडी बनाने के लिए एक किलोग्राम आंवला के लिए आपको करीब 700 से 800 ग्राम शक्कर की आवश्यकता होती है। आंवलों को पहले आप अच्छे से धो कर सुखा लें। अब एक बड़े बर्तन में पानी उबाल लें। उबलते हुए पानी में आंवला डालें और ढककर उबलने दें। करीब दो से तीन मिनट बाद ढक्कन हटाएं और आंवलों को पानी से अलग कर उन्हें ठंडा होने दें। ठंडा होने के बाद आंवला के फांक काट लें और गुठली हटा दें। अब कुछ शक्कर पाउडर बनाने के लिए अलग रख दें और बाकी शक्कर से फांकों को पूरा ढंक दें। आंवला और शक्कर को एक रात के लिए ढक कर अलग रख दें। सुबह तक शक्कर पिघल कर रस बन जाएगा। आपको तीन दिन तक चम्मच से हिला कर आंवलों को रस में डूबो कर रखना है। तीन दिन के बाद आंवले शक्कर के रस को सोख लेंगे और बर्तन की तली में बैठ जाएंगे। अब मिश्रण को छानकर अलग कर लें। आंवलों के टुकड़ों को धूप में सुखाएं जबकि बचे शक्कर के रस को अलग रखें। जब टुकड़े अच्छी तरह सूख जाएं तो इन्हें पिसी शक्कर में अच्छे से मिला लें। अगर आपको चटपटी कैंडी पसंद है तो काली मिर्च, काला नमक, हींग पाउडर और जीरे को हल्का भूनकर पीस लें और उसे भी इसमें मिला लें। आमचूर पाउडर भी डाल सकते हैं। आपकी चटपटी आंवला कैंडी तैयार हो जाएगी। इसे शीशे के जार में रखें और जब मन हो इस्तेमाल करें। बचे हुए आंवले के रस को उबाल कर उसका शहद बना सकते हैं और जब मन करें तो गुनगुने पानी में एक से दो चम्मच डालकर पिएं। इस रस में आंवला के बेहद औषधीय गुण होते हैं।

आंवला।

आंवले का मुरब्बा
वले का मुरब्बा बनाने के लिए आपको बड़े आकार के आंवला चाहिए जिनका स्वाद कम खारा होता है। मुरब्बा बनाने के लिए एक किलो आंवला में डेढ़ किलोग्राम शक्कर का प्रयोग करना होगा। पहले आंवला को अच्छे से धो लें और दो दिन के लिए पानी में भिगोकर रखें। दो दिन बाद आंवलों को धोने के बाद गोद लीजिए और फिटकरी के पानी में दो दिन के लिए भिगो कर रख दीजिए। दो दिन बाद पानी उबालें और आंवलों को पांच से आठ मिनट के लिए उबालें और अलग ढक कर रख दें। शक्कर को अलग से पकाएं और आंवलों को उसमें डालकर पकाएं। जब शक्कर गाढ़ी चाशनी बन जाए तो उसे आंच से उतार लें। अब इसे दो दिन के लिए फिर ढक कर रख दें। दो दिन बाद अगर चाशनी पतली लगे तो दोबारा पका सकते हैं अन्यथा ठीक है। अब इसमें काली मिर्च पाउडर, काला नमक और इलायची पाउडर डालें। यह आंवलों का मुरब्बा आप एक साल से भी अधिक समय तक प्रयोग कर सकते हैं। ख्याल रखिए की जिस कांच के बर्तन में आप मुरब्बा सुरक्षित कर रहे हैं, वह पूरी तरह सूखा हुआ हो। आंवलों का मुरब्बा आप गुड़ से भी बना सकते हैं। वहां पर शक्कर की जगह गुड़ का इस्तेमाल करें और मुरब्बा तैयार होने के बाद नींबू का रस जरूर डालें।