मंकी मियां
फहीम अहमद

लो, आ गए मंकी मियां,

मत खोलना ये खिड़कियां।

अंदर अगर आया अभी
तो डर के भागेंगे सभी।
कोई अगर भागा नही
खों-खों करेगा वह तभी।

बैठा हुआ खिड़की पर ही
देता रहेगा घुड़कियां।

आया वह रोशनदान से
बैठा हुआ है शान से।
केले सभी करके हजम
चश्मा उठाया लॉन से।

चश्मा न दे, खाता रहा
दादा से सौ सौ झिड़कियां।

वह दौड़ कर फिर आ गया
चुन्नू की चिज्जी खा गया।
मुन्नू की निक्कर नोच दी
चिंकी की गुड़िया पा गया।

बच्चे सभी नीचे खड़े
अब ले रहे हैं सिसकियां।
शब्द-भेद

कुछ शब्द एक जैसे लगते हैं। इस तरह उन्हें लिखने में अक्सर गड़बड़ी हो जाती है। इससे बचने के लिए आइए उनके अर्थ जानते हुए उनका अंतर समझते हैं।

बल्लम / बलम

एक ऐसी लाठी, जिसके ऊपरी सिरे पर लोहे का नुकीला हथियार लगा हो, उसे बल्लम कहते हैं। बल्लम यानी बरछा। जबकि बलम का अर्थ पति होता है। यह संस्कृत के वल्लभ शब्द से बना है।

पलक / फलक

आंखों को ढकने वाले पपोटों को पलक कहते हैं। जबकि फलक तख्ता, पट्टी या ऐसे कागज को कहते हैं, जिस पर मानचित्र या चित्र बनाया जाता है। फलक को अंग्रेजी में कैनवस कहते हैं।