मानस मनोहर
केले के फूल की सब्जी
कचनार के फूल बड़े मनोहारी होते हैं, इसलिए इसका पेड़ शोभाकारी वृक्ष के रूप में हर जगह रोपा जाता है। मगर इसमें अनेक औषधीय गुण भी होते हैं। आयुर्वेद में कचनार के फूलों और छाल का अनेक रोगों के उपचार में उपयोग होता है। कचनार के फूल मधुर, ग्राही और रक्तपित्त, रक्तविकार, प्रदर, क्षय और खांसी का नाश करते हैं। इसकी अविकसित पुष्पकलिकाओं का शाक भी बनाया जाता है, जिसमें हरे चने का योग बड़ा स्वादिष्ट होता है। इसे खाने से मधुमेह रोगियों को बहुत लाभ मिलता है। कचनार की कलियां अपने आसपास के पेड़ों से तोड़ सकते हैं या फिर यह सब्जी की दुकानों पर सहज उपलब्ध होती है।
कचनार की कलियों की सब्जी बनाने के कई तरीके हैं। इसका रायता भी बनता है। सब्जी या रायता बनाने के लिए कचनार की कलियों को नमक मिले पानी में पांच मिनट के लिए उबालें। फिर इन्हें छान कर ठंडा होने दें।
अब सब्जी बनाने के लिए एक मध्यम आकार का प्याज, दो टमाटर और पांच कलियां लहसुन की बारीक-बारीक काट लें। इसके अलावा दो हरी मिच और धनिया पत्ता बारी काट कर अलग रख लें। इनके अलावा मटर या हरे चने के दाने छील कर रखें। एक कटोरी में तीन-चार चम्मच गाढ़ा दही भी ले लें।
अब एक कड़ाही में दो चम्मच सरसों का तेल गरम करें। उसमें जीरे और हींग का तड़का लगाएं और फिर प्याज, टमाटर और लहसुन को भून लें। जब यह तेल छोड़ने लगे तो जरूरत भर का हल्दी पाउडर, नमक, लाल मिर्च, गरम मसाला और अमचूर पाउडर डाल कर मिला लें। फिर उसमें मटर या हरे चने के दाने डाल कर पांच मिनट के लिए पकने दें। ऊपर से उबली हुई कचनार की कलियां डालें। अब इन्हें धीमी आंच पर करीब दस मिनट पकने दें। अब उसमें दही डाल कर चलाते हुए सूखने तक पकाएं। जो लोग लहसुन-प्याज से परहेज करते हैं, वे सिर्फ दही की तरी बना कर उसमें कचनार के फूलों को पका सकते हैं। दही की ग्रेवी बनाते वक्त पिसी हुई सौंफ का उपयोग करें, तो स्वाद बढ़ जाता है। अब इसमें कटा हुआ हरा धनिया और मिर्च डाल कर गरमागरम रोटी या परांठे के साथ परोसें। यह खाने में थोड़ा कसैला जरूर लगेगा, पर इसके लगातार सेवन से इसके औषधीय गुणों से आप चमत्कृत हो उठेंगे।
कच्ची कली कचनार की
केले के फूल में कुछ ऐसे तत्त्व पाए जाते हैं, जो कई तरह के संक्रमणों से बचाते हैं। इससे पाचन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। इसे खाने से पेट में दर्द और सूजन भी दूर हो जाती है। केले के फूल में मैग्नीशियम पाया जाता है जो तनाव कम करने में मदद करता है। यह हीमोग्लोबिन को सही रखता है। खासकर डॉयबिटीज रोगियों के लिए यह बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। केले के फूलों की सब्जी बनाने के लिए इसकी परतों को हटाते हुए उसमें बन रहे केलों को अलग कर लें। फिर उनमें से बीच के हिस्से यानी फूलों के वृंत को अलग कर लें। फिर इन्हें छोटे टुकड़ों में काट लें और नमक मिले में नरम होने तक उबालें। छान कर ठंडा होने दें। केले के फूल की सब्जी यों तो कई तरीके से बनाई जाती है, पर कच्चे नारियल के साथ बनाएं तो स्वाद अलग होता है। अगर इसे नारियल के साथ बना रहे हैं तो कच्चे नारियल को मिक्सर में बारीक पीस लें और उसे अलग रख दें। अगर नारियल नहीं डालना चाहते तो केले के फूलों को आलू या फिर हरी मटर के साथ भी पका सकते हैं।
एक कड़ाही में तेल गरम करें। उसमें जीरा, राई, हींग और कढ़ी पत्ते का तड़का लगाएं। अगर नारियल के साथ पका रहे हैं तो तड़के में आधा चम्मच धुली मूंग दाल भी डाल सकते हैं, इसका स्वाद अच्छा आता है। तड़का तैयार हो जाए तो बारीक कटा प्याज और लहसुन डाल कर भून लें। अगर नारियल के बजाय आलू या मटर उपयोग कर रहे हैं तो प्याज-लहसुन के साथ बारीक कटे टमाटर भी उपयोग करें। जब तड़का तेल छोड़ने लगे तो उसमें हल्दी, नमक, लाल मिर्च, गरम मसाला डाल कर अच्छी तरह मिला लें। अब उसमें उबले हुए केले के फूल और कच्चा नारियल डालें। अगर नारियल बिल्कुल सूखा हो तो सब्जी में आधा कप पानी भी डाल लें। इन सबको अच्छी तरह मिला कर आंच धीमी कर दें और करीब दस मिनट तक पकने दें।
जब सब्जी पक जाए तो ऊपर से बारीक कटी हरी मिर्च और अदरक के लच्छे से सजाएं और रोटी, पूड़ी या परांठे के साथ गरमा-गरम परोसें। ल्ल