रोज तोड़कर नीम के पत्ते
मजे से खाते दादू आप!
दर्द नीम को होता होगा
उन्हें तोड़ जब खाते आप

तुमने सोचा ऐसा मुन्ना
अच्छा बहुत लगा है मुझको!
पेड़ों से यह प्यार देखकर
प्यार करूं बस लगता तुझको!

नीम को बेटा लेकिन अच्छा
लगता पत्ते देकर हमको
करके मदद किसी की जैसे
कितना अच्छा लगता हमको
जब तक तहस-नहस करने को
नहीं सताते पेड़ों को हम
तब तक दोस्त बने रहते वे
हमको देते खुशियां हरदम

कभी हंसाते हम पर झुक कर
कभी हवा का झोंका लाते
कभी उन्हीं के कहने पर तो
पंछी मीठे गीत सुनाते

कभी देखना कैसे हमको
अरे बुलाते बातें करने
कभी चढ़ा अपने कंधों पर
देते फल झोली को भरने