दुनिया में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है, जिसे कभी जम्हाई नहीं आई हो। यह एक ऐसी चीज है कि कोई व्यक्ति अगर जम्हाई ले रहा हो और शेष उसे देख रहे हों तो सभी देखने वालों को जम्हाई आने की संभावना रहती है। ऐसा क्यों होता है ? यह आज भी रहस्य है। जम्हाई की कल्पना करने मात्र से वह आने लगती है। किसी को जम्हाई लेते देख हमारा मस्तिष्क भी हमें जम्हाई लेने के संकेत देता है और हम जम्हाई लेते हैं।
मनुष्य तभी जम्हाई लेना शुरू का देता है, जब वह मां की कोख से जन्म लेता है। जन्म लेने के बाद वह पहला काम जम्हाई लेना ही करता है। जहां तक इस संबंध में शरीर वैज्ञानिकों की राय है, उनके मुताबिक शरीर में आक्सीजन की पूर्ति करने के लिए जम्हाई आती है। जैसे हम कोई काम को लंबे समय तक करते रहते हैं या शरीर को एक सी स्थिति में रखते हैं, तो हमारा श्वसन मंद हो जाता है। नतीजतन, शरीर में प्राणवायु की कमी होने लगती है। जम्हाई लेने से पूरा मुंह खुल जाता है और हम एक गहरी सांस लेने लगते हैं, जो अपने साथ आॅक्सीजन को खींचकर फेफड़ों में पहुंचा देती है।
जम्हाई लेने की तीन शैलियां प्रचलित हैं। इन्हें जेंटिल, गैप और स्टिफिल्ड कहा जाता है। जब कोई व्यक्ति जम्हाई लेते समय अपने मुंह पर हाथ या रुमाल रख लेता है, तो उसे जेंटिल जम्हाई कहते हैं। खुलकर जम्हाई लेने को गैप जम्हाई कहते हैं। इसके विपरीत जब मुंह बंद करके जम्हाई ली जाती है तो उसे स्टिफिल्ड कहते हैं। जम्हाई लेने से वह कार्य कुछ क्षणों तक रुक जाता है, जो हम कर रहे होते हैं। चाहे वह कार्य शारीरिक हो या मानसिक। जम्हाई लेने के बाद उस कार्य को व्यक्ति बड़ी मुस्तैदी से करने लगता है।
मौसम का भी जम्हाई पर प्रभाव पड़ता है। गरमी में सर्दी की अपेक्षा अधिक जम्हाई आती है। जम्हाई लेना संक्रमण का कारण भी बन सकता है। जब एक से ज्यादा व्यक्ति जम्हाई लेते हैं तो इससे संक्रमण की आशंका बनी रहती है। कुछ लोगों को जम्हाई लेने के बाद मुंह बंद नहीं होता है। इसके इलाज में एक हफते का समय लगता है।

