देश के सभी बैंक लोगों को कई तरह के खाते खोलने का विकल्प देते हैं। इसमें सबसे ज्यादा सेविंग और करंट अकाउंंट में खाता सबसे अधिक खोला जाता है, लेकिन ज्यादातर लोगों को इन दो अकाउंट को लेकर कंफ्यूजन होता है कि किसमें आपको अधिक फायदा मिलेगा और कौन आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। हालांकि दोनों प्रकार के खातों के अलग-अलग फायदे हैं।
सेविंग अकाउंट या बचत खाता (Savings account)
सेविंग अकाउंट या बचत खाता लोगों को पैसे जमा करने के साथ ही पैसे सेव और समय के साथ अपने धन को बढ़ाने या बनाने में मदद करने के साथ-साथ खाताधारकों को अन्य लेनदेन करने और बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करता है। इसे ज्यादातर सैलरी पाने वाले लोगों द्वारा यूज में लाया जाता है। इसमें सीमित संख्या में निकासी होती है, जिसे बैंक द्वारा निर्धारित किया जा सकता है (आमतौर पर, 3 और 5 के बीच) बिना अतिरिक्त शुल्क के निकासी की जा सकती है।
बचत खाता पर ब्याज की भी सुविधा दी जाती है। वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 2.75 प्रतिशत से 4 प्रतिशत और निजी बैंकों में 2.75 प्रतिशत से 6.75 प्रतिशत के बीच है। वहीं कुछ बैंकों ने बचत खाते को आरबीआई के रेपो रेट से जोड़ा है, जिससे जब रेपो रेट में संशोधन होगा ब्याज दर बढ़ेगी।
चालू खाता (Current account)
एक चालू खाता भी बचत खाते की तरह एक प्रकार का जमा खाता है, लेकिन ज्यादा पैसों की लेनदेन के लिए इसका उपयोग किया जाता है। यह खाता ज्यादातर व्यवसायों, उद्यमियों, संस्थानों और अन्य बड़ी संस्थाओं द्वारा खोला जाता है, जो प्रतिदिन के हिसाब से अधिक लेनदेन करते हैं। हालांकि, बचत खाते के विपरीत, एक चालू खाता शून्य-असर वाले ब्याज खाते हैं, लेकिन खाताधारकों को एक ओवरड्राफ्ट सुविधा प्रदान किया जाता है।
जानिए कौन सा होगा बेहतर?
ब्याज दरें: बचत खातों में खाते में जमा राशि पर अलग-अलग ब्याज दरें होती हैं। कई डिजिटल बचत खाते भी हैं, जो बैंकों द्वारा सुरक्षा के आश्वासन के साथ उच्च ब्याज दरों पर पेश किए जाते हैं। चालू खातों में जमा धन पर कोई ब्याज नहीं मिलता है।
न्यूनतम शेष और अतिरिक्त शुल्क: बचत और चालू खातों दोनों पर रखरखाव और निकासी से जुड़े शुल्क होंगे। वे बैंक के आधार पर अधिक या कम हो सकते हैं। हालांकि यह आवश्यक है कि आप न्यूनतम शेष राशि को जानते हैं, जिसे बनाए रखने की आवश्यकता है, और यदि आप इसे बनाए रखने में विफल रहते हैं तो जुर्माना लगाया जाता है।
जबकि बचत खातों में न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकताएं कम होती हैं, चालू खातों में अधिक न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकताएं होती हैं। चालू खातों के साथ आपको ओवरड्राफ्ट शुल्कों को भी ध्यान में रखना पड़ सकता है।
लेन-देन की संख्या: बचत खातों में सीमित संख्या में मुफ्त लेनदेन होते हैं, जिसके बाद शुल्क लागू हो सकते हैं, जबकि चालू खातों में किए जा सकने वाले लेनदेन की संख्या पर कोई सीमा नहीं होती है।