Satyameva Jayate Movie Review: परमाणु की सफलता पर सवार जॉन अब्राहम अब एक्शन थ्रिलर ‘सत्यमेव जयते’ के साथ हाज़िर हैं। गुस्से से भरा बैठा एक शख़्स कैसे अकेले दम पर करप्शन के खिलाफ लड़ता है, इसे सत्यमेव जयते में दिखाने की कोशिश की गई है। फिल्म की कहानी ठीकठाक है लेकिन सत्यमेव जयते सत्यता से मीलों दूर दिखाई देती है। इस मसाला फिल्म को देखते हुए आपको कई बार 70 और 80 के दशक की फिल्मों की याद भी आ सकती है।
फिल्म की शुरूआत में वीर (जॉन अब्राहम) एक पुलिस वाले को जिंदा जला देता है और इस घटना के बाद ही फिल्म का प्लॉट तैयार होता है। ये फिल्म सिस्टम से लड़ते एक युवा की कहानी है जो करप्ट पुलिस वालों को ठिकाने लगाना चाहता है। फिल्म की कहानी पुलिस फोर्स में फैले करप्शन पर आधारित है। फिल्म में जॉन अब्राहम जिस किरदार को निभा रहे हैं उसका नाम वीर है और वो एक आर्टिस्ट है। वो भ्रष्ट पुलिस वालों को मारता है और फिर उनका स्केच भी बनाता है। वीर हर उस जगह पुलिसवाले की जान के पीछे लगा है जो करप्शन में लिप्त है। उसको पकड़ने का जिम्मा इंस्पेक्टर शिवांश (मनोज बाजपेयी) को दिया जाता है।
स्वतंत्रता दिवस के दिन रिलीज़ होने वाली इस फिल्म में देशभक्ति के कई पाठ पढ़ने को मिलते हैं। बुराई पर अच्छाई की जीत जैसे बरसों पुराने कॉन्सेप्ट को बेचने की कोशिश में ये फिल्म बेहद नाटकीय लगती है। फिल्म की कहानी आज के दौर में प्रासंगिक है लेकिन लचर स्क्रिप्ट और कमर्शियल अंदाज़ के चलते ये फिल्म यथार्थ से दूर दिखाई देती है। हालांकि जॉन कई एक्शन सीक्वेंस में प्रभावित करते हैं। टायर फाड़ते हुए और बुरे लोगों की पिटाई करते हुए उन्होंने एक ऐंग्री यंग मैन की भूमिका निभाई है। मनोज बाजपेयी इस तरह के रोल्स पहले भी निभा चुके हैं और एक दृढ़ और अपने दमदार डायलॉग्स से वे दर्शकों को बांध कर रखते हैं। न्यूकमर आयशा शर्मा कैमरे पर काफी कॉन्फिडेंट नजर आईं। फिल्म परमाणु के साथ ही अपने सीनियर एक्टर और दोस्त अक्षय कुमार की राह चलने वाले जॉन अब्राहम अब मसाला देशभक्ति फिल्मों में भी अपना भाग्य आज़मा रहे हैं। भारी डायलॉग डिलीविरी और एक्शन मसाला फिल्में आपकी पसंद है तो इस फिल्म को एक बार देखा जा सकता है।
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