Jai Mummy Di Hindi Movie Review, Rating: जैसे कभी-कभी आप चाय बनाने लगते हैं और वो गर्म शरबत बनके रह जाती है, उसी तरह कभी कभी आप कॉमेडी बनाने चलते हैं और वो ट्रेजडी जैसी बन के रहे जाती हैं। एक दम ताजा मिसाल है `जय मम्मी दी’। ऐसा नहीं है कि फिल्म में हंसी नहीं है। वो है लेकिन छटाक भर। ज्यादातर समय दर्शक यही सोचेगा कि कहां फंस गए।
इसकी कहानी दिल्ली शहर में बुनी जाती है, एक जमाने में पिंकी (पूनम ढिल्लों) और लाली (सुप्रिया पाठक) के बीच काफी अपनापा या कह लीजिए बहनापा था। फिर कुछ ऐसा हुआ कि दोनों के बीच ठन गई और ठनती चली गई। दोनों के परिवारों में भी अनबन का सिलसिला चलता गया। लेकिन प्रेम नाम की जो चीज है ना, वो जब होनी होती है तो होती है माता-पिता भले लाख खिलाफ हों। सो लाली के बेटे पुनीत (सनी सिंह) और पिंकी की बेटी सांझ (सोनाली सैगल) के बीच इश्क हो जाता है।
दोनों के परिवारों के बीच झगड़े को देखते हुए इनकी शादी संभव नहीं दिखती है। दोनो माताएं यानी लाली और पिंकी अपनी अपनी संतानों की शादी भी दूसरी जगहों पर तय कर देते हैं। लेकिन अगर प्रेम सच्चा हो तो प्रेमी और प्रेमिका आसमान से तारे तोड़कर ला सकते हैं। कम से कम ऐसा माना जाता है। देखना ये है कि पुनीत और सांझ अपनी अपनी मम्मियों के बीच जंग को खत्म कर पाते हैं या नहीं। अगर कर लेते हैं तो दोनों की शादी भी हो जाएगी।
फिल्म पटकथा के स्तर पर बेहद लचर है। निर्देशक नवजोत गुलाटी ये तय नहीं कर पाए कि उनको एक कॉमेडी बनानी है या रोमांस दिखाना है। अकारण नहीं कि ये दोनों पहलू कमजोर हो गए हैं। फिल्म में जिस तरह से किरदारों का चरित्रांकन किय गया है वो भी भरावट लिए नहीं है। सनी और सोनाली ने जो भूमिकाएं निभाईं हैं उनमें भी दम नहीं है।
मूवी रिव्यू: जय मम्मी दी
मूवी डायरेक्टर: नवजोत गुलाटी
कलाकार- सनी सिंह, सोनाली सेहगल, पूनम ढिल्लों, सुप्रिया पाठक, शिवानी सैनी
मूवी स्टार रेटिंग्स: (1 ½ *)